केदारनाथ में हेलिकॉप्टर हादसे: डराने वाले आंकड़े और सुरक्षा नियमों पर गंभीर सवाल, 3 साल में 6 क्रैश
Rudraprayag ke Gaurikund mein Kedarnath helicopter crash mein 7 logon ki maut ne suraksha par sawal khade kiye hain. Piche teen saalon mein 6 crashes, jismein 38 jaane gayi hain. CM Dhami ne jaanch aur strict SOPs ke order diye.

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड: उत्तराखंड के केदारनाथ में हाल ही में हुए हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की दर्दनाक मौत ने क्षेत्र में हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और विमानन कंपनियों द्वारा निर्धारित संचालन प्रक्रियाओं (SOP) के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दुखद घटना में पायलट और छह यात्री मारे गए। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने 16 जून 2025 तक हेलिकॉप्टर सेवाएं रोक दी हैं और एक उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं।
लगातार हादसे और लापरवाही पर सवाल
15 जून की सुबह करीब 5:30 बजे, आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद गौरीकुंड के ऊपर गौरी माई खर्क के जंगलों के पास क्रैश हो गया। शुरुआती रिपोर्टों में खराब मौसम और कम विजिबिलिटी को हादसे का कारण बताया गया है।
हालांकि, यह कोई पहला हादसा नहीं है। केदारघाटी के संकरे और पहाड़ी क्षेत्र में बीते करीब तीन सालों में सिर्फ केदारनाथ में ही हेलिकॉप्टर क्रैश होने के 6 मामले सामने आए हैं, जिनमें कुल 38 लोगों की जान जा चुकी है। इन हादसों से सबक लेने की बजाय, आरोप है कि हेलिकॉप्टर कंपनियाँ लापरवाही बरतने से परहेज नहीं कर रही हैं। कड़ी गाइडलाइन होने के बावजूद उन्हें अनदेखा कर हेलिकॉप्टर उड़ाए जा रहे हैं, जिससे नियमों की खिल्ली उड़ रही है।
मृतकों की पहचान और सीएम धामी का रुख
हादसे में जान गंवाने वालों में पायलट राजवीर सिंह चौहान (राजस्थान), महाराष्ट्र के श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (35) और उनके दो वर्षीय बच्चे काशी, गुजरात के राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), उत्तराखंड के विक्रम सिंह रावत (46) और उत्तर प्रदेश की विनोद देवी (66) तथा तुष्टि सिंह (19) शामिल हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए 16 जून तक के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं रोक दी हैं। उन्होंने राज्य में हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए सख्त एसओपी तैयार करने के आदेश दिए हैं। सीएम ने कहा है कि डीजीसीए के नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले पायलटों को इस क्षेत्र का अनुभव होना चाहिए। उन्होंने एक कंट्रोल और कमांड सेंटर स्थापित करने और दुर्घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी निर्देश दिया है।
सीएम धामी ने मुख्य सचिव को मौजूदा प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करने और नए सेफ्टी फ्रेमवर्क का मसौदा तैयार करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का भी निर्देश दिया है।
हाल के प्रमुख हेलिकॉप्टर हादसे (केदारनाथ क्षेत्र में)
- 7 जून 2025: रुद्रप्रयाग से केदारनाथ जा रहे केस्ट्रेल एविएशन के हेलिकॉप्टर की हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग, तकनीकी समस्या के कारण हुई। यात्री सुरक्षित, लेकिन एक कार क्षतिग्रस्त।
- 17 मई 2025: एक एयर एम्बुलेंस हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी (टेल रोटर) के कारण केदारनाथ में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यात्री सुरक्षित।
- 8 मई 2025: उत्तरकाशी के पास हेलिकॉप्टर हादसे में पायलट समेत छह लोगों की मौत। खराब मौसम के कारण पहाड़ी से टकराया।
- 16 अक्टूबर 2024: तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को ले जा रहे हेलिकॉप्टर की खराब मौसम के कारण मुनस्यारी के पास इमरजेंसी लैंडिंग।
- 18 अक्टूबर 2022: केदारनाथ में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में पायलट सहित छह श्रद्धालुओं की मौत। यूसीएडीए ने डीजीसीए से क्षेत्र में एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम स्थापित करने को कहा।
कौन सी कंपनियाँ करती हैं ऑपरेट और क्या हैं डीजीसीए के नियम?
केदारनाथ यात्रा के लिए 8 कंपनियाँ आधिकारिक रूप से हेलिकॉप्टर सेवाएँ प्रदान कर रही हैं: हिमालयन हेली सर्विसेज, आर्यन एविएशन, ट्रांस भारत एविएशन, हेरिटेज एविएशन, थम्बी एविएशन, वीटी एविएशन, क्रिस्टल एविएशन और ग्लोबल वेक्टरा हेलिकॉर्प लिमिटेड। केदारनाथ यात्रा के लिए आमतौर पर गुप्तकाशी, फाटा, बादासू, जामू, सेरसी, चारधाम और त्रियुगीनारायण जैसे 7 हेलीपैड का इस्तेमाल किया जाता है। ये हेलीपैड पहाड़ों के बीच स्थित हैं, जहाँ से साफ मौसम में ही उड़ान सुरक्षित मानी जाती है।
हाल ही में, डीजीसीए ने फ्लाइट फ्रीक्वेंसी को कम करने के लिए गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत प्रति घंटे अधिकतम दो उड़ानों को अनिवार्य किया गया है (मौसम की अनुमति मिलने पर तीन तक)। हेलिकॉप्टर में फ्यूल का वजन और तापमान देखकर ही यात्रियों को बैठाना होगा।
केदारनाथ के लिए औसतन सभी कंपनियाँ सामूहिक रूप से रोजाना 215 उड़ानों को ऑपरेट करती हैं, जो मौसम ठीक रहने पर 290 तक पहुँच जाती हैं। आमतौर पर हेलिकॉप्टर की एक उड़ान में पायलट सहित 6 लोग सवार होते हैं। केदारनाथ सहित अन्य चार धाम तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए रोजाना करीब 1500 यात्री हेलिकॉप्टर के जरिए यात्रा करते हैं।
यह गंभीर दुर्घटना एक बार फिर इस संवेदनशील क्षेत्र में हवाई सुरक्षा प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन और निगरानी की आवश्यकता को उजागर करती है।