केदारनाथ में 'भगदड़' की झूठी खबर फैलाने वालों की खैर नहीं! पुलिस ने दर्ज किया केस
"केदारनाथ धाम में भगदड़ की झूठी खबर फैलाने वालों पर पुलिस का शिकंजा! फेक वीडियो वायरल करने पर दो के खिलाफ दर्ज हुआ केस।"

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होते ही कुछ शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया पर केदारनाथ धाम में भगदड़ होने के फर्जी वीडियो वायरल कर दिए, जिससे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। इस फेक न्यूज़ पर सख्त कार्रवाई करते हुए रुद्रप्रयाग पुलिस ने दो ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है, जिन्होंने इन झूठे वीडियो को फैलाया था। आरोपियों की पहचान विराट मीणा (राजस्थान) और देवजीत दास (पश्चिम बंगाल) के रूप में हुई है।
पुलिस ने अपनी एफआईआर में कहा है कि इन फर्जी वीडियो और रील्स के जरिए श्रीकेदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं के बारे में झूठी और भ्रम फैलाने वाली जानकारी फैलाई जा रही थी। इससे आम जनता और श्रद्धालुओं के बीच चिंता, डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो रही थी, जो कानून व्यवस्था और शांति के लिए खतरा बन सकती है। इसके साथ ही, इन हरकतों से आम लोगों और यात्रियों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही थी।
आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर परिसर के 15 मीटर के दायरे में किसी भी तरह की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पहले से ही प्रतिबंधित है। जिन दो व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें से एक राजस्थान के टोंक का रहने वाला है, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल के हुगली का। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही दोनों आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
यह घटना उन लोगों के लिए एक सबक है जो सोशल मीडिया पर बिना किसी पुष्टि के सनसनी फैलाने वाली झूठी खबरें फैलाते हैं। केदारनाथ जैसे पवित्र और संवेदनशील स्थान पर इस तरह की हरकतें न केवल श्रद्धालुओं को परेशान करती हैं, बल्कि यात्रा की व्यवस्थाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। रुद्रप्रयाग पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से यह संदेश साफ जाता है कि देवभूमि में इस तरह की शरारतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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