उत्तराखंड में आषाढ़ का सावन! घनघोर बारिश से नदी-नाले उफान पर, केदारनाथ से मसूरी तक दहशत का माहौल

"उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से नदी-नाले उफान पर, ऋषिकेश, मसूरी और केदारनाथ तक जलप्रलय का डर, मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट जारी।"

उत्तराखंड में आषाढ़ का सावन! घनघोर बारिश से नदी-नाले उफान पर, केदारनाथ से मसूरी तक दहशत का माहौल

                                                                                 उत्तराखंड मौसम की खबर

देहरादून: उत्तराखंड में मई के महीने में ऐसा लग रहा है मानो आसमान फट पड़ा हो! वैशाख के महीने में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और मौसम के इस अप्रत्याशित बदलाव ने लोगों को आषाढ़ के महीने की याद दिला दी है, जो कि बारिश का मौसम होता है। पहाड़ों से लेकर मैदान तक, हर तरफ पानी ही पानी है और इस जलप्रलय के डर से लोग सहमे हुए हैं।

पिछले तीन दिनों से उत्तराखंड के कई जिलों में झमाझम बारिश हो रही है। मैदानी इलाकों के मुकाबले पहाड़ी जिलों में तो बारिश ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं। मशहूर पर्यटन स्थल मसूरी में भी बारिश का कहर देखने को मिला, जहां कैंपटी फॉल उफान पर आ गया।

देहरादून के मालदेवता में सोंग नदी में भारी बारिश के कारण अचानक मलबा आ गया, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। वहीं, मसूरी और उसके आसपास के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश ने कैंपटी फॉल को रौद्र रूप दे दिया। झरने के पानी में मलबा आने लगा, जो किनारे पर बनी दुकानों में घुस गया, जिससे दुकानदारों में डर का माहौल पैदा हो गया।

मौसम विभाग ने भी प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है। पहाड़ी जिलों में तो गरज के साथ बिजली गिरने, ओलावृष्टि और तेज हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से) चलने की संभावना जताई गई है, जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मसूरी से महज 2 किलोमीटर पहले देहरादून मार्ग पर जेपी बैंड के पास भारी मात्रा में मलबा आने से सड़क पूरी तरह से बंद हो गई। इसके चलते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। बताया जा रहा है कि ठेकेदारों द्वारा बिल्डिंग निर्माण के दौरान निकले मलबे को लापरवाही से जंगल की ओर सड़क किनारे डाल दिया गया था, जो रविवार को हुई तेज बारिश के कारण बहकर मुख्य सड़क पर आ गया और यातायात ठप हो गया।

रविवार की बारिश ने मसूरी के कैंपटी फॉल का विकराल रूप भी दिखाया। झरने का रौद्र रूप देखकर दुकानदार भी डर गए और अपनी दुकानें बंद करके वहां से चले गए। पुलिस ने भी एहतियात बरतते हुए पर्यटकों को झरने के पास जाने से रोक दिया। घटना के समय कैंपटी फॉल क्षेत्र में सैकड़ों पर्यटक मौजूद थे, जो झरने के इस भयानक रूप को देखकर सहम गए। स्थिति को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और झरने में आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी। हालांकि, दो घंटे बाद झरने का जलस्तर सामान्य हो गया और व्यवस्था बहाल कर दी गई।

उधर, मालदेवता में सोंग नदी के उफान पर आने से नदी किनारे बनी मजदूरों की झुग्गियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। उत्तराखंड में मई के महीने में आसमान से आफत बरस रही है। रविवार को भी कई लोग गर्मी से राहत पाने के लिए मालदेवता की नदी में नहाने गए थे, लेकिन नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से वे दहशत में आ गए और किसी तरह अपनी जान बचाकर नदी किनारे पहुंचे।

उत्तराखंड में इस अप्रत्याशित बारिश ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। पहाड़ों पर भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, वहीं मैदानी इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों को डर है कि अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो केदारनाथ और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में भी जलप्रलय जैसी स्थिति बन सकती है।