अयोध्या: 23 मई को राम मंदिर के प्रथम तल पर होगी राम दरबार की स्थापना, दर्शन के लिए प्रतिदिन जारी होंगे 50 पास

राम मंदिर के प्रथम तल पर 23 मई से राम दरबार की स्थापना की जाएगी। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए सीमित पास मिलेंगे और पूरे मंदिर परिसर का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

अयोध्या: 23 मई को राम मंदिर के प्रथम तल पर होगी राम दरबार की स्थापना, दर्शन के लिए प्रतिदिन जारी होंगे 50 पास

अयोध्या: 23 मई को राम मंदिर के प्रथम तल पर होगी राम दरबार की स्थापना, दर्शन के लिए प्रतिदिन जारी होंगे 50 पास

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहा भव्य राम मंदिर दिन प्रतिदिन नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। इस पावन स्थल से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है—23 मई 2025 को राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिष्ठा की जाएगी। इस विशेष दिन से श्रद्धालु राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे, हालांकि यह दर्शन सीमित संख्या में पास के जरिए ही संभव होगा।

राम दरबार की प्रतिष्ठा का कार्यक्रम

भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत के दौरान समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने प्रेस को जानकारी दी कि 23 मई को राम दरबार की प्रतिमा को प्रथम तल पर स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही, शेषा अवतार मंदिर में लक्ष्मण जी की प्रतिमा को भी 30 मई तक प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा।

इसका औपचारिक रूप से प्राण प्रतिष्ठा उत्सव 3 जून से 5 जून 2025 तक चलेगा, जो धार्मिक आस्था, परंपरा और भव्यता का अद्वितीय संगम होगा।

दर्शन के लिए विशेष पास की व्यवस्था

राम दरबार के दर्शन के लिए ट्रस्ट ने पास प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था के अंतर्गत:

  • प्रतिदिन 750 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी।

  • प्रति घंटे 50 पास जारी किए जाएंगे।

  • पास “पहले आओ, पहले पाओ” के सिद्धांत पर जारी होंगे।

इसका उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा सुनिश्चित करना है, बल्कि मंदिर की संरचनात्मक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं के प्रवाह को नियंत्रित करना भी है।

संरचनात्मक सुरक्षा और तकनीकी निगरानी

राम मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक भावनाओं का प्रतीक नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अद्भुत उदाहरण भी है। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर में 10 अत्याधुनिक सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर:

  • पत्थरों की गतिविधि (movement) पर निगरानी रखते हैं।

  • किसी भी भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में पूर्व संकेत दे सकते हैं।

  • लोड फैक्टर (Load Factor) का अध्ययन कर रहे हैं—अर्थात एक समय में मंदिर कितने श्रद्धालुओं का भार वहन कर सकता है।

रुड़की के वैज्ञानिकों द्वारा तीन महीनों तक लोड टेस्टिंग की जाएगी। फिलहाल, सुरक्षा मानकों को देखते हुए प्रति घंटे 50 श्रद्धालुओं को प्रथम तल पर जाने की अनुमति दी गई है।

निर्माण कार्य की प्रगति

राम मंदिर परिसर का विस्तार लगातार हो रहा है। मिश्रा जी ने यह भी बताया कि दिसंबर 2025 तक मंदिर परिसर के अधिकांश निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे, जिनमें मुख्य रूप से:

  • मंदिर की मुख्य संरचना

  • राम दरबार

  • शेषा अवतार मंदिर

शामिल हैं। हालांकि, बाउंड्री वॉल और ऑडिटोरियम जैसे सहायक निर्माण दिसंबर 2025 के बाद पूरे होने की संभावना है।

अयोध्या का बदलता स्वरूप

राम मंदिर निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि अयोध्या शहर की आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से भी क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। लाखों श्रद्धालु यहां आने को आतुर हैं, और नई व्यवस्थाएं अयोध्या को एक आदर्श धार्मिक नगरी में बदलने की दिशा में कदम हैं।

शहर की सड़कों, परिवहन व्यवस्था, होटल्स, सुरक्षा और मूलभूत ढांचे में तेजी से विकास हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें अयोध्या को वैश्विक धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

श्रद्धालुओं के लिए सलाह

यदि आप राम दरबार के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • दर्शन पास ऑनलाइन या मंदिर प्रबंधन कार्यालय से उपलब्ध हो सकते हैं (इसकी प्रक्रिया ट्रस्ट द्वारा जल्द घोषित की जाएगी)।

  • दर्शन के लिए पहले से समय निर्धारित करें और अपना पहचान पत्र साथ रखें।

  • चूंकि संख्या सीमित है, इसलिए भीड़ से बचने के लिए सप्ताह के मध्य के दिन चुनना बेहतर होगा।

  • मंदिर परिसर में सुरक्षा नियमों और अनुशासन का पालन अनिवार्य होगा।


निष्कर्ष

23 मई 2025 से राम दरबार की स्थापना राम मंदिर में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। यह न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बिंदु होगा, बल्कि एक सुव्यवस्थित और सुरक्षित दर्शन प्रणाली के साथ श्रद्धालुओं को एक नया अनुभव भी मिलेगा।

ट्रस्ट द्वारा तकनीकी और सुरक्षा मानकों के साथ बनाई गई रणनीति इस बात को दर्शाती है कि आधुनिकता और परंपरा का संगम कैसे किया जा सकता है। अयोध्या के इस पवित्र परिवर्तन का साक्षी बनना हर श्रद्धालु के लिए सौभाग्य की बात होगी।

आपका अगला दर्शन कब होगा?
अब समय है रामलला के साथ राम दरबार के दर्शन की ओर कदम बढ़ाने का।