'मंत्री का बेटा हूं...' कहकर अफसरों पर जमाता था धाक, भर्ती के नाम पर ऐंठता था पैसे; ऐसे खुली पोल!

गाजीपुर में एक शातिर ठग खुद को मंत्री का बेटा बताकर अधिकारियों पर रौब जमाता था और नौकरी के नाम पर वसूली करता था। महिला की शिकायत पर पुलिस ने किया गिरफ्तार, खुली पोल।

'मंत्री का बेटा हूं...' कहकर अफसरों पर जमाता था धाक, भर्ती के नाम पर ऐंठता था पैसे; ऐसे खुली पोल!

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के दुल्लहपुर थाना क्षेत्र में एक ऐसा ठग पकड़ा गया है, जो खुद को प्रदेश सरकार के मंत्री दारा सिंह चौहान का बेटा बताकर प्रशासनिक अधिकारियों पर रौब झाड़ता था और नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से वसूली करता था। इस शातिर की दबंगई की दुकान आखिरकार पुलिस ने बंद कर दी है।

आरोपी, जिसकी पहचान विनय चौहान के रूप में हुई है, दुल्लहपुर का ही रहने वाला है। वह कभी अपना नाम विनय सिंह बताता तो कभी अतुल चौहान, लेकिन हर बार खुद को कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान का फर्जी बेटा बताकर अधिकारियों को धमकाता था। वह अधिकारियों के सीयूजी नंबर पर फोन करता और मंत्री का नाम लेकर अपने काम निकलवाने की कोशिश करता। इतना ही नहीं, वह इन बातचीत की कॉल रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर वायरल भी करता था, लेकिन चालाकी से रिकॉर्डिंग में "मैं कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान का बेटा हूं" वाला हिस्सा काट देता था, ताकि लोगों पर उसकी दबंगई का झूठा प्रभाव पड़े।

इस धोखेबाज की पोल तब खुली जब दुल्लहपुर गांव की ही रहने वाली सावित्री देवी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। सावित्री देवी ने आरोप लगाया कि विनय चौहान ने नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे पैसे लिए थे। इस शिकायत पर दुल्लहपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और बुधवार को थानाध्यक्ष कृष्ण प्रताप सिंह व उप निरीक्षक संजय कुमार सिंह की टीम ने जाल बिछाकर विनय चौहान को दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन के पास मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने इलाके के लोगों पर अपनी धाक जमाना चाहता था, इसलिए उसने खुद को मंत्री का बेटा बताकर अधिकारियों पर रौब दिखाना शुरू कर दिया था। उसने यह भी कबूल किया कि उसने नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से पैसे वसूले थे और इन पैसों का इस्तेमाल वह आने वाले पंचायत चुनाव में अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए करना चाहता था।

पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी के खिलाफ पहले भी इस तरह के कृत्य करने का एक मुकदमा दर्ज था। इस बार नौकरी के नाम पर वसूली की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपी ने कितने लोगों को ठगा है और उसने कितनी रकम वसूली है।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि धोखेबाज किसी भी हद तक जा सकते हैं, यहां तक कि वे मंत्रियों के नाम का भी गलत इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाते। दुल्लहपुर पुलिस की इस कार्रवाई से उन सभी लोगों को राहत मिली होगी जो इस ठग के झांसे में आ चुके थे। पुलिस अब यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि इस आरोपी को उसके किए की सजा मिले और ठगी के शिकार हुए लोगों को न्याय मिल सके।