महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बालिकाओं के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष व्याख्यान
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बालिकाओं के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर डॉ. श्वेता तिवारी का विशेष व्याख्यान।

वाराणसी: आज, दिनांक 24 मई 2025 को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ और अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में "बालिकाओं में शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता" विषय पर एक महत्वपूर्ण विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनोकोलॉजिस्ट) डॉ. श्वेता तिवारी थीं, जो एक प्रमाणित अवचेतन मन मास्टरी कोच और आध्यात्मिक विज्ञान की अभ्यासी भी हैं।
डॉ. श्वेता तिवारी ने अपने संबोधन में शरीर और मन के बीच गहरे संबंध पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये दोनों एक-दूसरे को गहराई से प्रभावित करते हैं। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यदि हम अपने अवचेतन मन को सही ढंग से समझें और उसे नियंत्रित करना सीखें, तो हम एक सुखी और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
डॉ. तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारे विचार, भावनाएं और आंतरिक विश्वास न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बल्कि हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। उन्होंने ध्यान, सकारात्मक सोच और आत्मचिंतन जैसे उपायों के माध्यम से अपने अवचेतन मन को प्रशिक्षित करने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे तनाव, चिंता और नकारात्मकता को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अवचेतन मन की शक्ति को समझना और उसका सही उपयोग करना आत्मविकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. के के सिंह ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि "शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य किसी भी विद्यार्थी के समग्र विकास की आधारशिला होती है। इस प्रकार के व्याख्यान बालिकाओं को आत्मविश्वास के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और सही दिशा दिखाते हैं।"
महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ की समन्वयक एवं अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. निशा सिंह ने कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि "आज के समय में छात्राओं को न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है, बल्कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह व्याख्यान इसी उद्देश्य की पूर्ति की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।"
कार्यक्रम का कुशल संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. आरती विश्वकर्मा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. किरन सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर प्रो. एन एस कामिल, डॉ. नवरतन सिंह, डॉ. नीरज सोनकर, डॉ. कविता आर्य, श्री प्रदीप, डॉ. पीयूष चौबे, अर्थशास्त्र विभाग से डॉ. ऊर्जस्वित सिंह और बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी प्राप्त की।