काशी में पहली बार प्रेम तरंग उत्सव: अध्यात्म और संसार का अद्भुत संगम
काशी में पहली बार 'प्रेम तरंग उत्सव' का आयोजन टिम्बर गिता बहुउद्देशीय संस्था भंडारा (महाराष्ट्र) द्वारा किया जा रहा है। जानिए तारीख, स्थान, समय और उद्देश्य।

वाराणसी — शिव की नगरी काशी एक ऐतिहासिक अध्यात्मिक आयोजन की साक्षी बनने जा रही है। टिम्बर गिता बहुउद्देशीय संस्था भंडारा (महाराष्ट्र) के तत्वावधान में पहली बार प्रेम तरंग उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 10 से 12 मई 2025 तक संम्बकेश्वर हॉल, काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर, वाराणसी में आयोजित होगा।
कार्यक्रम विवरण
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तारीख: 10 मई से 12 मई 2025
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समय:
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सुबह सत्र: 11:00 AM – 1:00 PM
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शाम सत्र: 5:00 PM – 7:00 PM
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स्थान: संम्बकेश्वर हॉल, काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर, वाराणसी
उद्देश्य: "युग परिवर्तन जनजागृति" की ओर एक सार्थक प्रयास
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है:
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संसार में रहते हुए अध्यात्म को अपनाना
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परमात्मा प्राप्ति के सरल मार्ग को जन-जन तक पहुंचाना
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आधुनिक जीवन और अध्यात्म का समन्वय स्थापित करना
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युग परिवर्तन की दिशा में जनजागृति लाना
कार्यक्रम में विशेष रूप से “पहला वे आयाम” प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि कैसे कोई भी व्यक्ति संसार में रहते हुए भी परमात्मा के मार्ग पर अग्रसर हो सकता है।
विशेष अतिथि गण
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मुख्य अतिथि:
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अशोक तिवारी, मेयर, वाराणसी
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विशिष्ट अतिथि:
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रविंद्र जायसवाल, विधायक
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दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार
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नीलकंठ तिवारी, विधायक, वाराणसी
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इन गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाएगी।
???? स्थान का महत्व: काशी विश्वनाथ परिसर
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर न केवल एक धार्मिक केंद्र है बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का सजीव प्रतीक है। इस परिसर में इस प्रकार का समरसता और प्रेम पर आधारित उत्सव पहली बार हो रहा है।
संम्बकेश्वर हॉल, जो आयोजन स्थल है, श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक चिंतन स्थल बन जाएगा।
टिम्बर गिता संस्था का योगदान
टिम्बर गिता बहुउद्देशीय संस्था, भंडारा (महाराष्ट्र) से संचालित, वर्षों से:
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समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने,
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युवाओं को जीवन मूल्य सिखाने,
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और सकारात्मक जीवन पथ दिखाने का कार्य कर रही है।
इस संस्था का मानना है कि प्रेम, सेवा और साधना के द्वारा ही युग परिवर्तन संभव है।
समाज को क्या संदेश देगा यह उत्सव?
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यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक या आध्यात्मिक होगा, बल्कि युवाओं को जागरूक, समाज को संगठित, और व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में भी सार्थक पहल होगी।
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"प्रेम तरंग" का आशय है — ऐसी तरंगें जो जीवन में प्रेम, शांति और ऊर्जा का संचार करें।