शेयर बाजार का 'सांप सीढ़ी': कभी चढ़ता, कभी फिसलता, निवेशकों की सांसें अटकीं
पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में 'सांप सीढ़ी' का खेल जारी है। भारी उतार-चढ़ाव के बीच मंगलवार को सेंसेक्स 624 अंक और निफ्टी 175 अंक गिरकर बंद हुआ। इस गिरावट के कई कारण हैं, जिनमें आरबीआई का कम डिविडेंड, कमजोर वैश्विक संकेत और कोविड के बढ़ते मामले प्रमुख हैं।

शेयर बाजार में इन दिनों 'सांप सीढ़ी' का रोमांचक लेकिन डरावना खेल चल रहा है। जिस तेजी से गोटियां सीढ़ी चढ़कर ऊपर जा रही हैं, उसी तेजी से सांप के डसने पर नीचे भी फिसल रही हैं। सोमवार को बाजार में एक समय 1000 अंकों से ज्यादा की तेजी दिख रही थी, लेकिन अंत में यह 400 अंकों की बढ़त पर सिमट गया। मंगलवार को भी कुछ ऐसा ही हाल रहा। गिरावट के साथ खुलने के बाद बाजार में थोड़ी रिकवरी आई, लेकिन दोपहर होते-होते भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स एक समय 1000 अंकों से ज्यादा गिर गया था, हालांकि बाद में कुछ रिकवरी हुई और यह 624.82 अंकों की गिरावट के साथ 81,551.63 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 175 अंकों की गिरावट के साथ 24,826.20 पर बंद हुआ।
जानकारों के मुताबिक, मंगलवार को शेयर बाजार पर दबाव के कई कारण रहे। इनमें कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- आरबीआई के डिविडेंड से निराशा: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड डिविडेंड दिया, जो पिछले साल से 27% ज्यादा है। हालांकि, बाजार को 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के डिविडेंड की उम्मीद थी, जिससे निराशा हुई।
- कमजोर वैश्विक संकेत: एशियाई बाजारों में कमजोरी देखने को मिली, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। एमएसCI एशिया एक्स-जापान इंडेक्स में 0.4 फीसदी की गिरावट आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय संघ के साथ व्यापार वार्ता की समय सीमा बढ़ाने से भी निवेशकों का सेंटिमेंट सतर्क रहा।
- कोविड के मामलों में इजाफा: महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में फिर से वृद्धि देखने को मिल रही है। 250 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जिनमें अकेले मुंबई में करीब 50 केस हैं और 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इससे बाजार में नकारात्मक धारणा बनी है।
- एक्सपायरी का दबाव: मंगलवार को बीएसई में मंथली डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी थी, जिसके कारण निवेशकों ने अपने लॉट निकाले, जिससे बाजार पर दबाव पड़ा। एनएसई की एक्सपायरी गुरुवार को है।
- तेज उछाल के बाद मुनाफावसूली: पिछले दो हफ्तों में भारतीय शेयर बाजारों में अच्छी तेजी देखने को मिली थी। 'ऑपरेशन सिंदूर' युद्धविराम के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 4.1% की बढ़त हुई थी। इस तेजी के बाद निवेशकों ने ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली की, जिससे बाजार में गिरावट आई।
- चौथी तिमाही के सुस्त नतीजे: तेजी के बावजूद, निफ्टी50 की चौथी तिमाही की आय में साल-दर-साल 6 फीसदी से कम की वृद्धि हुई, जो बाजार की उम्मीदों से कम है।
- अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में इजाफा: अमेरिकी 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि हुई है, जिससे अमेरिकी बॉन्ड निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक हो गए हैं और भारत जैसे उभरते बाजारों से पूंजी का प्रवाह कम हो सकता है।
- मुंबई में भारी बारिश: मुंबई में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है, जिससे काफी नुकसान हुआ है। इसका भी असर शेयर बाजार के सेंटिमेंट पर पड़ा है।
निवेशकों को हुआ भारी नुकसान:
शेयर बाजार में इस भारी गिरावट के कारण निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को बाजार बंद होने पर बीएसई का मार्केट कैप 4,44,79,680.04 करोड़ रुपये था, जो मंगलवार को बाजार बंद होने पर गिरकर 4,43,65,465.86 करोड़ रुपये पर आ गया। इस तरह, एक ही दिन में निवेशकों को 1,14,214.18 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
शेयर बाजार में यह अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देता है। जानकारों का मानना है कि वैश्विक और घरेलू कारकों के चलते बाजार में अभी और अस्थिरता देखने को मिल सकती है। निवेशकों को सोच-समझकर और धैर्य के साथ निवेश करने की जरूरत है।