भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बढ़ीं जासूसी कॉल्स, सीमा पर हाई अलर्ट
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सीमा क्षेत्रों में जासूसी कॉल्स में तेजी; जैसलमेर पुलिस ने फर्जी अधिकारियों की कॉल से सतर्क रहने की अपील की, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर।

जैसलमेर/नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस बीच, राजस्थान सहित कई सीमा क्षेत्रों में जासूसी कॉल्स (Spy Calls) में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी जा रही है। जैसलमेर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
फर्जी अधिकारी बनकर जुटाई जा रही जानकारी
जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि कुछ संदिग्ध कॉलर, खुद को सेना या सरकारी अधिकारी बताकर नागरिकों से संवेदनशील जानकारियां हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। ये कॉल्स आम नागरिकों, पूर्व सैनिकों, और सेना परिसरों के पास रहने वाले लोगों को किए जा रहे हैं।
जागरूकता अभियान शुरू, लोगों को चेतावनी
एसपी चौधरी ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है और लोगों को ऐसे जाल में न फंसने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई संदिग्ध गतिविधि की जानकारी होते हुए भी उसे छिपाता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
"पहले हनी ट्रैप के ज़रिए जानकारी ली जाती थी, लेकिन अब सीधे कॉल करके नागरिकों से संवेदनशील बातें पूछी जा रही हैं।" — एसपी सुधीर चौधरी
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। इस हमले के बाद से पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय ने बढ़ते खतरे को देखते हुए 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस ड्रिल के तहत हवाई हमले की चेतावनी, नागरिकों की निकासी योजना और सुरक्षा अभ्यास किया जाएगा।
सीमा पर BSF और सेना अलर्ट
बीएसएफ, सेना और स्थानीय पुलिस मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा रही हैं। सेना कैंपों के आसपास रहने वाले लोगों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे संदिग्ध कॉल्स, गतिविधियों और व्यक्तियों की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
निष्कर्ष:
जैसे-जैसे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है, वैसे-वैसे जासूसी और साइबर खतरे भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह सतर्क रहे, किसी भी संदिग्ध कॉल या गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को दे।