तेलंगाना में किसान ने मुफ्त में बांटे 20 हज़ार के आम, मंडी में दाम न मिलने से हुआ नाराज़
तेलंगाना के वारंगल में एक किसान ने मंडी में उचित दाम न मिलने पर 7 टन आम मुफ्त में बांट दिए. बिचौलियों के शोषण से नाराज़ किसान ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

तेलंगाना के वारंगल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक किसान मंडी में अपने आम बेचने पहुंचा था, लेकिन व्यापारियों और बिचौलियों ने उसकी फसल की कीमत इतनी कम लगाई कि किसान गुस्से में आ गया. काफी देर इंतजार करने के बाद जब कोई वाजिब दाम पर आम खरीदने को तैयार नहीं हुआ, तो उसने लोगों को मुफ्त में आम बांट दिए.
7 टन आम, सिर्फ ₹500 का ऑफर
वर्धनपेट मंडल के इलांडा गांव के सतीश नाम के किसान ने पांच एकड़ में आम की फसल लगाई थी. इस बार भारी बारिश और मिट्टी के कटाव के कारण उसकी पूरी फसल बर्बाद हो गई थी. जैसे-तैसे उसने बचे हुए करीब 7 टन आम को लक्ष्मीपुरम फल मंडी में बेचने के लिए लाया. लेकिन वहां पहुंचकर किसान तब और ज्यादा नाराज़ हो गया, जब व्यापारियों ने एक ट्रॉली आम के लिए सिर्फ ₹500 का ऑफर दिया.
इतना कम दाम सुनकर सतीश ने अपनी आम से लदी ट्रॉली को वारंगल के अंडर-रेलवे ब्रिज पर ले आया. उसने वहां से गुजरने वाले लोगों को बुलाया और सबको मुफ्त में आम बांटना शुरू कर दिया. किसान को मुफ्त में आम बांटते देख स्थानीय लोग अपने बैग भरकर आम ले गए. उन्होंने किसान को आशीर्वाद दिया और चले गए.
बिचौलियों से परेशान किसान की गुहार
व्यापारियों और बिचौलियों के शोषण से आहत सतीश ने बताया कि उसे तो ₹500 का डीज़ल भी नहीं मिला, तो उसने सोचा कि क्यों न इन आमों को मुफ्त में ही लोगों को खिला दिया जाए. उसने सरकार से अपील की कि वह मंडी में इस तरह के शोषण को बंद करे और किसानों का साथ दे. सतीश ने बिचौलिया व्यवस्था को खत्म करने और यह सुनिश्चित करने की मांग की, जिससे किसानों को नुकसान न हो.
सोचिए, अगर 20,000 की आम की फसल को कोई 500 मैं मांगे, तो किसी भी किसान को बुरा लगेगा । यहा भी यही हुआ था, अपनी मेहनत की फसल बेचने मंडी आए किसान को बिचौलिये और व्यापारी लूटने के लिए तैयार बैठे थे। उन्होने 20,000 की आम की फसल को सिर्फ 500 मे मांगा, जिसमे पीड़ित किसान इतने गुस्से मे आ गए की उन्होने सबको हैरान केआर दिया