UP News : यूपी के सर्वोदय विद्यालयों में जल्द पूरी होंगी ट्रांजिट हॉस्टल की सौगात, वंचित छात्रों को मिलेगा सुरक्षित ठिकाना
यूपी के छह जिलों के सर्वोदय विद्यालयों में ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण जल्द पूरा होगा। योगी सरकार अनुसूचित जाति के छात्रों को आवासीय सुविधा प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य सरकार प्रदेश के छह जिलों में संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करा रही है। इन हॉस्टलों के बनने से विशेष रूप से अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को सुरक्षित और बेहतर आवासीय सुविधा मिल सकेगी, जिससे उनकी शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी।
राज्य सरकार ने इन ट्रांजिट हॉस्टलों के निर्माण के लिए कुल 866.56 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह धनराशि उन हॉस्टलों के निर्माण को पूर्ण करने के लिए जारी की गई है, जिनका कार्य पहले से प्रगति पर है। जिन जिलों के सर्वोदय विद्यालयों को इस पहल का लाभ मिलेगा, उनमें मुर्तजानगर (सीतापुर), मोहम्मदाबाद (फर्रुखाबाद), तीरगांव (बाराबंकी), घोरावल (सोनभद्र), और विशम्भरपुर (गोण्डा) शामिल हैं, जिनके लिए दूसरी किस्त के रूप में 851.98 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, ग्यासपुर (जौनपुर) के विद्यालय में भी ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाएगा। योगी सरकार ने संबंधित अधिकारियों को इन हॉस्टलों का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर उन्हें जल्द से जल्द संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
इन ट्रांजिट हॉस्टलों का निर्माण समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यकारी संस्था यूपी सिडको द्वारा किया जा रहा है। सरकार ने कार्यकारी संस्था को कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज, जैसे एमओयू और तकनीकी स्वीकृति, शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इन हॉस्टलों के निर्माण से अनुसूचित जातियों और अन्य वंचित समुदायों के छात्रों को बेहतर आवासीय सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिससे उनकी शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश के सर्वोदय विद्यालय आधुनिक आधारभूत सुविधाओं से लैस हो रहे हैं। ट्रांजिट हॉस्टल जैसी पहल उन छात्रों के लिए एक वरदान साबित होगी, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं। यह परियोजना न केवल शिक्षा तक उनकी पहुंच को सुगम बनाएगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। योगी सरकार का यह प्रयास सामाजिक समावेशन और सभी को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उत्तर प्रदेश शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है, और यह पहल उस दिशा में एक और ठोस कदम है।
गौरतलब है कि योगी सरकार के प्रयासों से प्रदेश भर में सर्वोदय विद्यालयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2017 से पहले जहां केवल 93 सर्वोदय विद्यालय संचालित थे, वहीं 2024-25 तक इनकी संख्या बढ़कर 120 हो गई है। वर्तमान में इनमें से 100 विद्यालय सक्रिय रूप से चल रहे हैं, जिनमें 70 बालक विद्यालय और 30 बालिका विद्यालय शामिल हैं। इस योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय में 490 छात्रों की क्षमता निर्धारित की गई है, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, इन विद्यालयों को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली से जोड़ा गया है। वर्तमान में 43 विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से और 57 विद्यालय यूपी बोर्ड से संबद्ध हैं। योगी सरकार ने इन विद्यालयों को न केवल बेहतर शिक्षण सामग्री से सुसज्जित किया है, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नवीनतम तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं। स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, डिजिटल शिक्षा सामग्री और उच्चस्तरीय पुस्तकालय जैसी सुविधाओं ने इन विद्यालयों को शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्रों में बदल दिया है।
प्रदेश सरकार समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए इन विद्यालयों में कक्षा 06 से 12 तक के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा, आवासीय सुविधा, छात्रावास, यूनिफॉर्म, पाठ्य-पुस्तकें, स्टेशनरी, दैनिक उपयोग की सामग्री, भोजन और नाश्ते की व्यवस्था भी प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 60% आरक्षण, पिछड़ा वर्ग के लिए 25% और सामान्य वर्ग के लिए 15% सीटें आरक्षित की गई हैं। इस योजना से उन परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है, जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में ₹46,080 और शहरी क्षेत्रों में ₹56,460 तक सीमित है। वर्तमान में इस योजना से 32,538 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं, जो राज्य सरकार की शिक्षा सुधार नीति की सफलता का स्पष्ट प्रमाण है।