वाराणसी में बिजली चोरी का बड़ा खुलासा: मान्यवर कांशी राम आवास में लाखों के राजस्व का नुकसान, लाइनमैन और SSO पर आरोप

Varanasi ke Manyavar Kanshi Ram Awas mein bade paimane par bijli chori ka khulasa. Koilhawa Power House ke lineman aur SSO Ramesh Kumar par laakhon ke rajasva nuksan ka aarop. Police aur department ki karyawahi ka intezar.

वाराणसी में बिजली चोरी का बड़ा खुलासा: मान्यवर कांशी राम आवास में लाखों के राजस्व का नुकसान, लाइनमैन और SSO पर आरोप

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, जिसे 'स्मार्ट सिटी' बनाने की दिशा में सरकारी मशीनरी युद्धस्तर पर काम कर रही है, वहीं शिवपुर क्षेत्र के मान्यवर कांशी राम आवास में बिजली चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि कोइलहवा पावर हाउस के लाइनमैन और SSO रमेश कुमार की मिलीभगत से हर दिन लाखों रुपये के राजस्व की चोरी की जा रही है।


पुराने और नए ब्लॉक में धड़ल्ले से बिजली चोरी

खबर के अनुसार, पुराने आवास के ब्लॉक नंबर 103 की पूरी बिल्डिंग और नए वाले आवास के ब्लॉक नंबर 6 की पूरी बिल्डिंग में अवैध तरीके से बिजली चोरी की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस अवैध धंधे में कोईलहवा पावर हाउस के लाइनमैन विक्रम, आसिफ, ओम प्रकाश पटेल, दया और सब स्टेशन ऑफिसर (SSO) रमेश कुमार सीधे तौर पर शामिल हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये लोग प्रति कनेक्शन 1000 से 1500 रुपये लेकर अवैध तरीके से बिजली के कनेक्शन जोड़ देते हैं। इसके बाद चोरी की बिजली से हीटर, फ्रिज, कूलर, और पंखे जैसे उपकरण धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं। चोरी करवाने वाले लाइनमैन कथित तौर पर उपभोक्ताओं को आश्वस्त करते हैं कि 'कोई बात होगी तो हम लोग देख लेंगे, सब हमारे हाथ में है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।'


अधिकारियों की मिलीभगत या अनदेखी?

इस पूरे मामले में स्थानीय बिजली विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि एसडीओ मनीष कुमार राय और अन्य जेई (जूनियर इंजीनियर) की ओर से ऐसे भ्रष्ट लाइनमैन और SSO पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। चोरी में संलिप्त लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि 'यहां के एसडीओ और जेई हम लोग खुद ही हैं', जो विभाग में गहरे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

औसतन हर महीने लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान बिजली विभाग को हो रहा है, जिसका सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ रहा है। अब देखना यह है कि इस गंभीर मामले पर प्रशासन और विद्युत विभाग क्या कदम उठाता है और इन भ्रष्ट कर्मचारियों पर कब तक कार्रवाई की जाती है।