वाराणसी: मत्स्य पालक मेला और जातीय जनगणना पर गोष्ठी, मंत्री निषाद ने की बड़ी घोषणाएं

वाराणसी में मत्स्य पालक मेला और जातीय जनगणना पर आधारित गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मंत्री संजय कुमार निषाद ने मत्स्य पालन योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ जातीय जनगणना और पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी घोषणाएं कीं।

वाराणसी: मत्स्य पालक मेला और जातीय जनगणना पर गोष्ठी, मंत्री निषाद ने की बड़ी घोषणाएं

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कबीर रोड स्थित नागरी नाटक मंडली परिसर में बुधवार को मत्स्य पालक मेला और जातीय जनगणना पर आधारित एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन विभाग के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार किया, सामाजिक न्याय की पैरवी की और आगामी पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी घोषणाएं कीं।

मंत्री संजय कुमार निषाद दोपहर में वाराणसी सर्किट हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने नागरी नाटक मंडली न्यास में आयोजित "मत्स्य पालक मेला एवं जातीय जनगणना विषयक गोष्ठी" में भाग लिया।

मत्स्य पालन योजनाओं की जानकारी और लाभार्थियों से संवाद:

गोष्ठी में मंत्री निषाद ने मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और मुख्यमंत्री मत्स्य योजना (MMSY) जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के तहत मछुआरों को आइस बॉक्स, फिश वैन, कोल्ड स्टोरेज, तालाब निर्माण, बीज, फीड, उपकरणों और मत्स्य परिवहन के लिए विशेष वाहन सहायता पर अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने एससी/एसटी/महिला लाभार्थियों को 60% तक सब्सिडी और ₹5 लाख तक का दुर्घटना बीमा जैसी सुविधाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना नहीं है, बल्कि मछुआ समाज को आत्मनिर्भर बनाना है।

जातीय जनगणना पर जोर:

गोष्ठी में मंत्री निषाद ने जातीय जनगणना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना केवल आंकड़े नहीं, बल्कि संवैधानिक अधिकारों की पहचान है। उन्होंने मझवार, तुरैहा, बिंद, निषाद, केवट, धीवर, कश्यप आदि उपजातियों को अनुसूचित जाति (SC) श्रेणी में शामिल करने की मांग की। उन्होंने 1961 की जनगणना रिपोर्ट, 2016 की अधिसूचना और उत्तराखंड मॉडल का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भी इन्हें एससी प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए, ताकि योजनाओं में इनकी सार्थक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

पंचायत चुनावों को लेकर रणनीति:

पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री निषाद ने पंचायत चुनावों को लेकर अपनी पार्टी की रणनीति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी 2025 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में निषाद बाहुल्य क्षेत्रों में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने जिला पंचायत सदस्य और बीडीसी पदों के लिए पार्टी द्वारा स्वतंत्र रूप से उम्मीदवार उतारे जाने की घोषणा की। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव परिणामों के बाद अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए गठबंधन सहयोगी भाजपा को समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के वर्षों के संघर्ष और नेतृत्व की आकांक्षाओं को सम्मान देना पार्टी की प्राथमिकता है, लेकिन गठबंधन बना रहेगा।

मंत्री निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य किसी दल की आलोचना करना नहीं, बल्कि अपने समाज की आवाज बनना है। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी की रगों में 101% मछुआ समाज का खून बहता है और वे समाज की उम्मीदों को कभी टूटने नहीं देंगे।

कार्यक्रम के अंत में मंत्री निषाद ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन कर प्रदेश और समाज की समृद्धि की कामना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दौरा केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि समाज के अधिकारों की पुनर्प्राप्ति की दिशा में एक मजबूत कदम है।