Varanasi News : नगर निगम में घूसखोर लिपिक का कारनामा: करोड़ों की संपत्ति का खुलासा, एंटी करप्शन टीम सक्रिय
वाराणसी नगर निगम में घुसेखोर लिपिक राम विलास शर्मा गिरफ़्तार। उसकी चंदौली और बनारस में बनी चल-अचल संपत्ति की चर्चा तेज़। एंटी करप्शन टीम प्योर सिंडिकेट को तोड़ने में लगी।

Varanasi News : वाराणसी नगर निगम में एक दिन पहले घूस लेते रंगे हाथों पकड़े गए लिपिक रामविलास शर्मा के कारनामों की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। बुधवार को निगम कार्यालय में आरोपी की करतूतों और उसकी कथित बेनामी संपत्तियों को लेकर खूब कानाफूसी होती रही। बताया जा रहा है कि रामविलास ने न सिर्फ अपने पैतृक स्थान चकिया, चंदौली में, बल्कि वाराणसी में भी चल और अचल संपत्ति बनाई है।
एंटी करप्शन टीम सिंडिकेट तोड़ने में जुटी
एंटी करप्शन की टीम अब इस पूरे सिंडिकेट को तोड़ने में जुटी है, जिसके तहत रामविलास कथित रूप से काम कर रहा था। चर्चा है कि रामविलास को नगर निगम के पीछे सरकारी क्वार्टर मिला हुआ था, जहाँ से उसका अवैध वसूली का सिंडिकेट चलता था।
रामविलास के करियर पर नज़र डालें तो पता चलता है कि वह पहले बरेली में विभाग की एक महिला अधिकारी के यहाँ काम करता था। उनकी सिफारिश पर उसे चपरासी के पद पर नियुक्त किया गया था। बाद में उसे मुख्य अभियंता कार्यालय में बाबू बना दिया गया। पिछले 10 सालों में रामविलास ने 'काफी प्रगति' की है, जिसने उसकी आय से अधिक संपत्ति को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर में एक आलीशान मकान के अलावा, चकिया, चंदौली में भी उसकी काफी संपत्तियाँ होने की बात सामने आ रही है।
चार महीने से दौड़ाया जा रहा था शिकायतकर्ता
जिस व्यक्ति की शिकायत पर रामविलास शर्मा के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उसने फरवरी में अपना आवेदन दिया था। उसे चार महीने से बेवजह दौड़ाया जा रहा था और काम के लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी। थक हारकर उसने एंटी करप्शन टीम की मदद ली, जिसके बाद रामविलास को रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा सका।
एंटी करप्शन टीम अब इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और उम्मीद है कि इस कार्रवाई से नगर निगम में भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।