वाराणसी: 13 साल पुराना जालसाजी का मामला फिर सुर्खियों में, CGM के निर्देश पर SHO कैंट को जांच का आदेश
वाराणसी में 13 साल पुराने जालसाजी के एक मामले में, जिसमें 10 करोड़ की संपत्ति शामिल है, सीजीएम के निर्देश पर एसएचओ कैंट को गहन जांच का आदेश दिया गया है।

वाराणसी से एक पुरानी खबर फिर से तूल पकड़ती दिख रही है। मामला 7 जनवरी 2025 के एक आदेश से जुड़ा है, जिसके तहत अपर आयुक्त पुलिस कमिश्नर वाराणसी ने 25 सितंबर 2007 की एक रजिस्ट्री में कथित फर्जीवाड़े और जालसाजी के जरिए रुपये हड़पने के मामले की विवेचना के संबंध में सीजीएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) को अवगत कराया है।
इस मामले में शिकायतकर्ता ने आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी अपनी grievances दर्ज कराई हैं। उनका कहना है कि पिछले 13 वर्षों में इस मामले की कई बार विवेचना हुई है, लेकिन अब तक मूल कारण और विषय को नजरअंदाज किया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार, इस विवाद में 10 करोड़ रुपये की बहुमूल्य संपत्ति शामिल है, जिस पर आपत्ति है।
अब, साक्ष्य और गवाहों के आधार पर इस मामले का निष्पक्ष निस्तारण करने के उद्देश्य से, एसएचओ (थाना प्रभारी) कैंट को निर्देशित किया गया है कि वे इस मामले की गहनता से जांच करें और निष्कर्षों से संबंधित अधिकारियों को अवगत कराएं। सीजीएम के इस निर्देश के बाद, उम्मीद जताई जा रही है कि 13 साल से लंबित इस जटिल मामले में आखिरकार कोई ठोस कार्रवाई हो सकेगी और शिकायतकर्ता को न्याय मिल सकेगा। पुलिस अब इस पुराने मामले की तह तक जाकर सच्चाई का पता लगाने में जुट गई है।