World Bicycle Day : काशी के तीन अफसर, छुट्टी में करते हैं 30 KM की सवारी, साइकिलिंग का है जुनून

विश्व साइकिल दिवस पर जानिए वाराणसी के तीन अफसरों के साइकिलिंग के शौक के बारे में। डीसीपी प्रमोद कुमार, वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग और कैंट बोर्ड सीईओ सत्यम मोहन छुट्टियों में 30 किलोमीटर तक साइकिल चलाते हैं।

World Bicycle Day : काशी के तीन अफसर, छुट्टी में करते हैं 30 KM की सवारी, साइकिलिंग का है जुनून

World Bicycle Day 2025 : विश्व साइकिल दिवस पर हम आपको मिलवा रहे हैं वाराणसी के तीन ऐसे अफसरों से, जिनका अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद साइकिलिंग के प्रति गजब का जुनून है। ये अफसर हैं कमिश्नरेट के वरुणा जोन के डीसीपी प्रमोद कुमार, वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग और कैंट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सत्यम मोहन। इन तीनों को जब भी मौका मिलता है, खासकर छुट्टियों के दिनों में, तो ये 30 किलोमीटर या उससे भी अधिक दूरी तक साइकिल चलाते हैं।

डीसीपी प्रमोद कुमार तो अपनी फिटनेस को लेकर काफी सजग हैं। वे बताते हैं कि वे रोजाना सुबह लगभग 10 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। लेकिन शनिवार और रविवार को उनका प्रयास रहता है कि वे 30 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी साइकिल से तय करें। साइकिल से यात्रा करने का उन्हें यह फायदा मिलता है कि वे चुनार और उमरहां स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम जैसे दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी आसानी से कर लेते हैं।

प्रमोद कुमार का कहना है कि रोजाना साइकिल चलाने से शरीर के हर अंग का व्यायाम हो जाता है। इससे वे खुद को हल्का और तरोताजा महसूस करते हैं। वे मानते हैं कि खुद को स्वस्थ रखने के लिए साइकिल चलाना सबसे अच्छा और आसान व्यायाम है।

वहीं, वीडीए के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग को भी साइकिलिंग का बहुत शौक है। उन्होंने तो वीडीए कार्यालय से चुनार किला (लगभग 35 किमी) और चौबेपुर के स्वर्वेद मंदिर (लगभग 30 किमी) तक की यात्रा साइकिल से ही की है। उनका मानना है कि साइकिलिंग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छी है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखती है। पुलकित गर्ग बताते हैं कि उन्हें शुरू से ही साइकिल चलाना बहुत पसंद है। काशी आने से पहले वे झांसी में भी नियमित रूप से साइकिल चलाते थे।

कैंट बोर्ड के सीईओ सत्यम मोहन ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे और प्रमोद कुमार एक ही बैच के हैं, जबकि वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग उनसे एक साल सीनियर हैं। इन तीनों अफसरों में अच्छी दोस्ती है और वे अक्सर एक साथ साइकिलिंग करते हैं और अपने शरीर के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देते हैं।

यह कहानी दर्शाती है कि कैसे व्यस्त जीवनशैली के बावजूद, इन अफसरों ने साइकिलिंग के अपने शौक को जिंदा रखा है और इसके माध्यम से न केवल अपनी फिटनेस का ध्यान रख रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। विश्व साइकिल दिवस पर इनका यह जुनून साइकिल के महत्व और इसके फायदों को उजागर करता है।