8वें वेतन आयोग के लागू होने में देरी की आशंका: जनवरी 2026 की समयसीमा से चूक सकता है, जानें क्या है कारण

केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग के जनवरी 2026 की निर्धारित समयसीमा से चूकने की संभावना है। सरकार द्वारा आयोग के गठन की कोई घोषणा नहीं हुई है, जिससे इसके 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में लागू होने की उम्मीद है। फिटमेंट फैक्टर और DA विलय पर भी असर होगा।

8वें वेतन आयोग के लागू होने में देरी की आशंका: जनवरी 2026 की समयसीमा से चूक सकता है, जानें क्या है कारण
8वां वेतन आयोग

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लेकर 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चाएं तेज होती जा रही हैं, लेकिन इसके समय पर लागू होने की संभावना अब कमजोर दिख रही है। अगर मौजूदा हालात बने रहे, तो यह आयोग जनवरी 2026 की निर्धारित समयसीमा से चूक सकता है।


आयोग के गठन में देरी

सरकार की ओर से अभी तक आयोग के गठन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। जबकि 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था और जनवरी 2016 से लागू हुआ था, 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया 2025 के मध्य तक भी शुरू नहीं हो सकी है। कर्मचारियों की यूनियनों ने समय पर आयोग गठित करने की मांग तेज कर दी है ताकि रिपोर्ट समय रहते तैयार हो सके।


8वें वेतन आयोग लागू होने में देरी के कारण

सरकारी सूत्रों के अनुसार, फिलहाल आंतरिक चर्चा चल रही है, लेकिन नौकरशाही प्रक्रिया और आवश्यक मंजूरियों में लगने वाला समय देखते हुए, यह आयोग 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में ही लागू हो पाएगा। इसके अलावा, चुनावी वादे, कल्याणकारी योजनाएं और राजकोषीय घाटे की सीमाएं भी सरकार के लिए वेतन में बड़ी वृद्धि को चुनौतीपूर्ण बना रही हैं।


सैलरी और फिटमेंट फैक्टर पर संभावित प्रभाव

वेतन संशोधन में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला फिटमेंट फैक्टर इस बार 2.5 से 2.86 के बीच रह सकता है। यदि यह 2.7x तक भी पहुंचता है, तो न्यूनतम वेतन ₹45,000 से ₹48,000 रुपए तक जा सकता है। हालांकि, उच्चतम 2.86x का आंकड़ा वित्तीय दृष्टि से कठिन माना जा रहा है। पिछली बार, 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था।

इसके साथ ही, महंगाई भत्ते (DA) को भी नए मूल वेतन में जोड़ा जाएगा। जनवरी 2025 तक DA लगभग 55% तक पहुंचने का अनुमान है, जिसे आयोग लागू होने पर मूल वेतन में समाहित किया जाएगा। इससे प्रारंभिक DA शून्य से शुरू होगा, लेकिन भविष्य में हर वृद्धि का प्रभाव अधिक होगा। पेंशनभोगियों को भी इस आयोग से लाभ होगा। पेंशन फॉर्मूला में बदलाव और DR (Dearness Relief) का विलय मासिक पेंशन में सुधार ला सकता है।

हालांकि कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत की उम्मीद बनी हुई है, लेकिन उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। यह तय है कि वेतन संरचना में बदलाव होगा, लेकिन इसकी राह थोड़ी लंबी और जटिल साबित हो सकती है।