Bhopal Crime: 'ठेके पर चोर' बुलाकर करवाता था चोरी! भोपाल में इंजीनियर निकला चोरों के गैंग का मास्टरमाइंड, ₹1.5 करोड़ की चोरियां कबूलीं

Bhopal mein 'ठेके पर चोर' bulakar choriyan karwane wale ek gang ka khulasa hua hai, jiska mastermind ek engineer Abhilash Vishwakarma hai. Police ne teen logon ko giraftar kiya hai aur ₹1.5 crore ki choriyon ka pata chala hai.

Bhopal Crime: 'ठेके पर चोर' बुलाकर करवाता था चोरी! भोपाल में इंजीनियर निकला चोरों के गैंग का मास्टरमाइंड, ₹1.5 करोड़ की चोरियां कबूलीं
AI जनरेटेड इमेज.

मध्य प्रदेश: क्या आपने कभी चोरी के लिए 'ठेके पर चोर' बुलाने के बारे में सुना या पढ़ा है? यह सुनने में अवश्य अटपटा लग सकता है, लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। भोपाल की कोलार पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया है, जिसका मास्टरमाइंड एक इंजीनियर है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गैंग के मास्टरमाइंड अभिलाष विश्वकर्मा, यशवंत रघुवंशी और भूपेंद्र साहू के रूप में हुई है। इन तीनों को भोपाल, विदिशा और छिंदवाड़ा से पकड़ा गया है।


तेलंगाना से बुलाता था शातिर चोर

बताया जा रहा है कि आरोपी इंजीनियर अभिलाष विश्वकर्मा तेलंगाना से शातिर चोरों को बुलवाता था और उन्हें यहाँ ठहराता था। वह खुद लग्जरी कार से चोरी की जगहों की रेकी कर चोरों को जानकारी देता था। इसके बाद, चोर तीन दिन में चोरी करके भाग जाते थे।

पुलिस ने बताया कि आरोपी मार्च के महीने में श्रीलंका और उससे पहले फरवरी महीने में थाईलैंड घूमने भी गए थे, जिससे उनके लाइफस्टाइल का अंदाजा लगता है। अब तक ₹1.50 करोड़ की चोरियों का पता चला है, जिनमें यह गैंग संलिप्त था।


सोने को गिरवी रख ट्रेडिंग में इन्वेस्ट

इस गैंग की कार्यप्रणाली और भी चौंकाने वाली है। ये चोरी किए हुए सोने को मंडीदीप स्थित मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखते थे और फिर लोन लेकर ट्रेडिंग में इन्वेस्ट करते थे। अब तक ₹60 लाख के लेन-देन की बात सामने आई है। पुलिस ने इस गैंग से ₹22 लाख रुपए का सोना और दो कारें जब्त की हैं, जबकि ₹40 लाख की कीमत का गोल्ड फ्रीज किया गया है।


12 से ज्यादा चोरियां और मास्टरमाइंड का पुराना रिकॉर्ड

पुलिस अब उन तेलंगाना के चोरों की तलाश में है, जो फिलहाल फरार हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस की एक टीम वारंगल जाएगी। इस चोर गैंग का पता 13-14 मई को दानिशकुंज में हुई चोरी के बाद चला, जहाँ एक कार दिखी। पुलिस ने कार के नंबर के आधार पर उसको खोज निकाला, तब इस पूरे गैंग का पर्दाफाश हुआ। आरोपी अभिलाष ने पुलिस को बताया कि उसने और उसके साथियों ने 12 से ज्यादा चोरियों को अंजाम दिया है।

पुलिस ने बताया कि अभिलाष 2018 में वारंगल में नौकरी करने गया था, जहाँ उसकी मित्रता एक चोर से हुई। उस चोर ने अभिलाष को सस्ते में चोरी के जेवर बेचे। इस मामले में वारंगल पुलिस ने अभिलाष की भी गिरफ्तारी की थी, और उसने सात महीने तक जेल काटी थी। कोरोना काल के समय में आरोपी भोपाल वापस आ गया। 2024 में उसने वारंगल के अपने दोस्त और उसकी गैंग को भोपाल में बुलाया और फिर उनसे चोरियाँ करवानी शुरू कर दीं। तब से यह काम जारी ही था। पुलिस अब मुथूट फाइनेंस के कर्मचारियों की भूमिका भी जांच रही है, साथ ही पता लगा रही है कि चोर भोपाल में किन होटलों में ठहरे थे।