West Bengal News : चुनाव से पहले पाला-बदल का खेल शुरू, कांग्रेस और TMC एक-दूसरे को दे रहे झटका

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच 'पाला-बदल' का खेल शुरू हो गया है, जिससे दोनों दलों को फायदा और नुकसान दोनों हो रहे हैं.

West Bengal News : चुनाव से पहले पाला-बदल का खेल शुरू, कांग्रेस और TMC एक-दूसरे को दे रहे झटका
कांग्रेस और तृणमूल में पाला बदल का खेल शुरू.

पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. चुनाव की तैयारियों के बीच 'पाला-बदल' का खेल भी जोरों पर है, जिसमें प्रमुख पार्टियां एक-दूसरे के गढ़ में सेंधमारी कर रही हैं.

उत्तर बंगाल में कांग्रेस को झटका, TMC को मिली 'संजीवनी'

बुधवार को कांग्रेस के पूर्व विधायक शंकर मालाकार औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए. शंकर मालाकार का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए उत्तर बंगाल में एक बड़ा धक्का माना जा रहा है. वह 2011 से 2021 तक माटीगाड़ा नक्सलबाड़ी के विधायक रहे और करीब 20 साल तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के भीतर उनकी संगठनात्मक शक्ति पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता, इसलिए उनका TMC में शामिल होना चुनाव से पहले अधीर रंजन चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार के लिए एक बड़ा 'झटका' है.

TMC के राज्य सचिव सुब्रत बख्शी और मंत्री अरूप बिस्वास की मौजूदगी में शंकर मालाकार TMC में शामिल हुए. सुब्रत बख्शी ने कहा कि शंकर मालाकार के शामिल होने से न सिर्फ तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को "ऑक्सीजन" मिलेगी, बल्कि पार्टी की ताकत भी बढ़ेगी, खासकर जमीनी स्तर पर संगठन मजबूत होगा. अरूप बिस्वास ने भी कहा कि पार्टी नेता के निर्देश पर ही उन्होंने शंकर मालाकार को TMC में शामिल किया.

शंकर मालाकार ने TMC में शामिल होने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि कांग्रेस में रहकर बीजेपी का मुकाबला करना संभव नहीं था. उनका आरोप है कि बीजेपी उत्तर बंगाल में "उत्पात" मचा रही है, कभी कामतापुरी, गोरखालैंड की बात करती है तो कभी उत्तर बंगाल को बांटना चाहती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी से अकेले मुकाबला करने के लिए ही वह TMC में शामिल हुए हैं.

दक्षिण बंगाल के साथ-साथ TMC अब उत्तर बंगाल पर भी कड़ी नजर रख रही है. TMC ने पहले ही बीजेपी के नेता जॉन बारला को अपने पाले में लिया था, और अब शंकर मालाकार को शामिल कर उत्तर बंगाल में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है.


मुर्शिदाबाद में अधीर चौधरी की सेंधमारी, TMC को नुकसान

दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मुर्शिदाबाद में TMC में सेंध लगाई है. बुधवार को तृणमूल नेता कार्तिक साहा सहित लगभग तीन दर्जन से अधिक TMC समर्थक कांग्रेस में शामिल हो गए. कार्तिक साहा और उनके 50 से अधिक कार्यकर्ताओं ने बरहामपुर स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में अधीर चौधरी का हाथ थामकर कांग्रेस में वापसी की.

कार्तिक साहा पहले कांग्रेस में ही थे, लेकिन 2022 में वह कांग्रेस छोड़कर TMC में शामिल हो गए थे. पार्टी बदलने से पहले वह शहर कांग्रेस के अध्यक्ष थे. TMC में शामिल होने के बाद उन्हें शहर तृणमूल का उपाध्यक्ष पद दिया गया था. कार्तिक का कहना है कि 2022 में नगर निगम बोर्ड के कार्यभार संभालने के बाद से उनके साथ "दुर्व्यवहार" किया जा रहा था, इसलिए वह अपने "घर" (कांग्रेस) वापस लौट आए हैं. जिले के राजनीतिक हलकों में कार्तिक के अधीर चौधरी का हाथ थामकर कांग्रेस में वापसी को लेकर जोरदार चर्चा शुरू हो गई है.

कुल मिलाकर, पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच यह 'दल-बदल' का खेल और तेज होने की उम्मीद है, क्योंकि पार्टियां अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव दांव खेल रही हैं.