क्या COVID-19 के बढ़ते मामले अडार पूनावाला की सीरम इंस्टीट्यूट के लिए फिर बनेंगे 'वरदान'?
COVID-19 महामारी ने दुनिया को 'लॉकडाउन' से परिचित कराया और अनगिनत लोगों की जान ली, लेकिन इसने क्विक कॉमर्स और डिजिटल लेनदेन जैसे कई व्यवसायों के लिए 'अवसर' भी पैदा किए। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के प्रमुख अडार पूनावाला ने एक बड़ा जोखिम उठाया, और उनकी कंपनी के लिए COVID-19 वास्तव में एक वरदान साबित हुआ। अब, जब देश में COVID के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, तो क्या यह इस व्यवसायी के लिए एक बार फिर से कमाई करने का मौका बनेगा, जिनकी कंपनी का मुनाफा पिछले दो सालों से घट रहा है?

कोविड-19 महामारी, जिसने पहली बार पूरी दुनिया को 'लॉकडाउन' जैसी अभूतपूर्व स्थिति का सामना कराया, और 2021 में अपनी दूसरी लहर के दौरान हर सेकंड सैकड़ों लोगों की जान लेते हुए देखी गई, वास्तव में कई व्यवसायों के लिए 'आपदा में अवसर' लेकर आई। इसी दौर में क्विक कॉमर्स से लेकर डिजिटल लेनदेन तक का कारोबार तेजी से बढ़ा। भारत के एक ऐसे ही दूरदर्शी व्यवसायी ने बड़ा जोखिम लिया और उनकी कंपनी के लिए कोविड-19 एक वरदान साबित हुआ। अब, जब देश के अंदर कोविड के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं, तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह इस व्यवसायी के लिए फिर से कमाई करने का मौका बनेगा, जिनकी कंपनी का लाभ पिछले दो साल से घट रहा है।
यहाँ बात हो रही है सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India-SII) के प्रमुख अडार पूनावाला की। पुणे स्थित यह कंपनी उत्पादन क्षमता के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। कोविड-19 से निपटने के लिए कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन बनाने वाली इस कंपनी का भारत से पोलियो उन्मूलन में भी बड़ा योगदान रहा है। ऐसे में कोविड के ये बढ़ते मामले क्या एक बार फिर उनकी कंपनी की किस्मत चमकाने का काम करेंगे?
अडार पूनावाला (Getty Images)
6500 करोड़ रुपये का 'जुआ'
साल 2021 में जब पूरी दुनिया में कोरोना के लिए वैक्सीन बनाने की होड़ लगी थी, तो सबकी उम्मीदें सीरम इंस्टीट्यूट पर टिक गई थीं। दुनिया की इतनी बड़ी आबादी के लिए तेजी से वैक्सीन बनाना था और यह काम सीरम इंस्टीट्यूट के बिना शायद ही मुमकिन था। सीरम ने उस दौर में हर महीने 20 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन के डोज तैयार किए।
आज की तारीख में सीरम इंस्टीट्यूट अलग-अलग तरह के 300 करोड़ वैक्सीन डोज तैयार करने की क्षमता रखता है। कोविड के समय कंपनी ने भारत सरकार को कोविशील्ड के 200 करोड़ वैक्सीन डोज की सप्लाई की थी।
लेकिन अगर आप सोचते हैं कि यह सब काम ऐसे ही हो गया, तो आप गलत हैं। SII के सीईओ अडार पूनावाला का कहना है कि कोविशील्ड का उत्पादन शुरू करने के लिए कंपनी ने अपनी जेब से 80 करोड़ डॉलर (करीब 6500 करोड़ रुपये) झोंक दिए। देखा जाए तो यह कंपनी के लिए किसी जुए से कम नहीं था। सीरम इंस्टीट्यूट ने उस समय ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका (Oxford and AstraZeneca) के वैक्सीन पर भरोसा कर उसका उत्पादन शुरू किया, क्योंकि रिकॉर्ड टाइम में वैक्सीन बनाने थे।
कोविशील्ड वैक्सीन (Getty Images)
कंपनी को कई लोगों ने चेतावनी दी कि इस तरह का वैक्सीन न बनाए जिसका सही से परीक्षण भी नहीं हुआ है। फिर भी कंपनी ने रिकॉर्ड टाइम में इसके क्लिनिकल ट्रायल पूरे किए। कंपनी की उत्पादन लाइन को बढ़ाया ताकि जल्द से जल्द पूरी दुनिया को वैक्सीन उपलब्ध कराई जा सके। उनके इन असाधारण प्रयासों के लिए भारत सरकार ने 2022 में अडार पूनावाला और साइरस पूनावाला को 'पद्म भूषण' सम्मान से नवाजा।
कोविड में हुई खूब कमाई
कंपनी ने 6500 करोड़ रुपये का एक तरह से 'जुआ' खेला, लेकिन इसने कंपनी को भरपूर फायदा भी दिया। कंपनी का कारोबार जबरदस्त बढ़ा। कोविड से पहले वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का राजस्व 5,446 करोड़ रुपये था। अगले ही साल 2020-21 में यह राजस्व बढ़कर 7,201 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का लाभ कुछ खास नहीं रहा। वित्त वर्ष 2019-20 में यह 2,251 करोड़ रुपये था, जो 2020-21 में बढ़कर 3,891 करोड़ रुपये हो गया।
SII की कमाई-धमाई (TV9 Graphics Team)
इसके बाद 2021-22 में कंपनी का राजस्व और लाभ जबरदस्त बढ़ा। यह क्रमशः 25,645 करोड़ रुपये और 11,116 करोड़ रुपये रहा। इसके अगले साल ही कंपनी के राजस्व और लाभ में बड़ी गिरावट देखी गई। वित्त वर्ष 2022-23 में राजस्व 10,190 करोड़ रुपये और लाभ 4,187 करोड़ रुपये रहा। वहीं 2023-24 में यह क्रमशः 9,549 करोड़ रुपये और 4,278 करोड़ रुपये रहा है। हालांकि, कंपनी की लाभप्रदता कोविड के पहले वाले हालात से भी बेहतर हुई है।
क्या कोविड-19 के बढ़ते मामले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के लिए एक नई व्यावसायिक बहार ला सकते हैं, या यह सिर्फ एक अस्थायी उछाल होगा?