Kolkata Hotel Fire: आग से 14 लोगों की मौत, होटल मालिक और मैनेजर गिरफ्तार — नहीं थी फायर सेफ्टी मंजूरी
: कोलकाता के मच्छुआपट्टी इलाके में होटल में लगी आग से 14 की मौत। फायर सेफ्टी मंजूरी 2022 में समाप्त हो चुकी थी। होटल मालिक और मैनेजर गिरफ्तार।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मच्छुआपट्टी इलाके में मंगलवार रात एक होटल में भीषण आग लग गई, जिसमें एक महिला और दो बच्चों सहित 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे के बाद राज्यभर में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को होटल ऋतुराज के मालिक आकाश चावला और मैनेजर गौरव कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
घटना की पूरी जानकारी:
पुलिस के अनुसार, आग लगने की घटना मंगलवार रात 8:10 बजे घटी। यह होटल एक छह मंजिला बजट होटल था, जिसमें उस वक्त 42 कमरों में कुल 88 मेहमान मौजूद थे। आग इतनी तेजी से फैली कि मेहमानों को बाहर निकलने का भी समय नहीं मिल सका।
मृतकों की संख्या और पहचान:
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कुल 14 शव बरामद किए गए, जिनमें से 12 की पहचान हो चुकी है।
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13 लोग घायल हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
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2 शवों की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई:
कोलकाता पुलिस ने बताया कि होटल मालिक आकाश चावला और मैनेजर गौरव कपूर को जोरासांको पुलिस स्टेशन की टीम ने हिरासत में लिया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया गया है।
होटल में नहीं थी फायर सेफ्टी की मंजूरी
पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा के महानिदेशक रणवीर कुमार ने मीडिया को बताया कि होटल ऋतुराज ने फायर सेफ्टी की मंजूरी 2022 में समाप्त हो जाने के बाद भी संचालन जारी रखा।
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होटल में कोई अग्निशमन यंत्र कार्यशील नहीं था।
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निकासी मार्ग संकरे और अव्यवस्थित थे।
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एक ही सीढ़ी थी, जो आग की स्थिति में बाहर निकलने के लिए अपर्याप्त थी।
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सांघातिक धुएं में दम घुटने से अधिकांश मौतें हुईं, न कि जलने से।
बिना अनुमति चल रहा था डांस बार का निर्माण
जांच में यह भी सामने आया कि होटल की पहली मंजिल पर एक डांस बार का अवैध निर्माण चल रहा था, जिसके लिए कोई भी प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई थी। यह निर्माण कार्य भी आग के फैलाव में एक कारण बना।
स्थानीय प्रशासन और अग्निशमन विभाग सवालों के घेरे में
इस हादसे के बाद कोलकाता नगर निगम और अग्निशमन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं:
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फायर सेफ्टी मंजूरी खत्म होने के बावजूद होटल चल रहा था, इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को क्यों नहीं थी?
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भीड़भाड़ वाले इलाके में बिना निकासी सुविधा के होटल को संचालित करने की इजाज़त कैसे मिली?
परिजनों में मातम, सरकार से मुआवज़े की मांग
हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन सरकार से मुआवज़े और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई सामाजिक संगठनों ने कोलकाता में इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया।
निष्कर्ष: एक लापरवाही, कई ज़िंदगियां खत्म
कोलकाता होटल अग्निकांड ने एक बार फिर देश में होटल और रेस्तरां में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या सरकार दोषियों को सख्त सज़ा दे पाएगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस नीति बनाएगी।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के मच्छुआपट्टी इलाके में मंगलवार रात एक होटल में भीषण आग लग गई, जिसमें एक महिला और दो बच्चों सहित 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे के बाद राज्यभर में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को होटल ऋतुराज के मालिक आकाश चावला और मैनेजर गौरव कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
घटना की पूरी जानकारी:
पुलिस के अनुसार, आग लगने की घटना मंगलवार रात 8:10 बजे घटी। यह होटल एक छह मंजिला बजट होटल था, जिसमें उस वक्त 42 कमरों में कुल 88 मेहमान मौजूद थे। आग इतनी तेजी से फैली कि मेहमानों को बाहर निकलने का भी समय नहीं मिल सका।
मृतकों की संख्या और पहचान:
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कुल 14 शव बरामद किए गए, जिनमें से 12 की पहचान हो चुकी है।
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13 लोग घायल हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
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2 शवों की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई:
कोलकाता पुलिस ने बताया कि होटल मालिक आकाश चावला और मैनेजर गौरव कपूर को जोरासांको पुलिस स्टेशन की टीम ने हिरासत में लिया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम के तहत स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया गया है।
होटल में नहीं थी फायर सेफ्टी की मंजूरी
पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा के महानिदेशक रणवीर कुमार ने मीडिया को बताया कि होटल ऋतुराज ने फायर सेफ्टी की मंजूरी 2022 में समाप्त हो जाने के बाद भी संचालन जारी रखा।
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होटल में कोई अग्निशमन यंत्र कार्यशील नहीं था।
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निकासी मार्ग संकरे और अव्यवस्थित थे।
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एक ही सीढ़ी थी, जो आग की स्थिति में बाहर निकलने के लिए अपर्याप्त थी।
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सांघातिक धुएं में दम घुटने से अधिकांश मौतें हुईं, न कि जलने से।
बिना अनुमति चल रहा था डांस बार का निर्माण
जांच में यह भी सामने आया कि होटल की पहली मंजिल पर एक डांस बार का अवैध निर्माण चल रहा था, जिसके लिए कोई भी प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई थी। यह निर्माण कार्य भी आग के फैलाव में एक कारण बना।
स्थानीय प्रशासन और अग्निशमन विभाग सवालों के घेरे में
इस हादसे के बाद कोलकाता नगर निगम और अग्निशमन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं:
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फायर सेफ्टी मंजूरी खत्म होने के बावजूद होटल चल रहा था, इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों को क्यों नहीं थी?
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भीड़भाड़ वाले इलाके में बिना निकासी सुविधा के होटल को संचालित करने की इजाज़त कैसे मिली?
परिजनों में मातम, सरकार से मुआवज़े की मांग
हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन सरकार से मुआवज़े और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई सामाजिक संगठनों ने कोलकाता में इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया।
निष्कर्ष: एक लापरवाही, कई ज़िंदगियां खत्म
कोलकाता होटल अग्निकांड ने एक बार फिर देश में होटल और रेस्तरां में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या सरकार दोषियों को सख्त सज़ा दे पाएगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस नीति बनाएगी।
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