राहुल के 'सरेंडर' बयान पर शशि थरूर की सफाई: 'हम भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं'
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'सरेंडर' बयान पर विवाद के बीच, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिका से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्रंप के भारत-पाक सीजफायर दावे पर भी बात की और पाकिस्तान को आतंकवाद पर लताड़ा।

भारतीय राजनीति में शब्दों का प्रयोग और उनके मायने अक्सर चर्चा का विषय बनते रहते हैं. हाल ही में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 'सरेंडर' शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर काफी विवाद देखने को मिला. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसके बाद यह मामला और गरमा गया. इस विवाद पर अब कांग्रेस नेता शशि थरूर की प्रतिक्रिया सामने आई है। थरूर इस समय 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारतीय डेलिगेशन का नेतृत्व करते हुए अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में हैं।
ट्रंप के दावे और 'सरेंडर' बयान पर सवाल
दरअसल, इस विवाद की जड़ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वह दावा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) हुआ था। ट्रंप इस बात का बार-बार श्रेय ले रहे थे। वॉशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब शशि थरूर से इस संबंध में सवाल पूछा गया तो एक पत्रकार ने सीधे तौर पर कहा, "यह एक ऐसा मामला है जिस पर आपकी पार्टी बार-बार सवाल कर रही है। आपकी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने सरेंडर कर दिया?"
'सरेंडर' बयान पर शशि थरूर की प्रतिक्रिया
इस सवाल के जवाब में शशि थरूर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, "हम यहां भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मैं अक्सर यह कहता आया हूं कि हमारे 7 सांसद पांच अलग-अलग पार्टियों का हिस्सा हैं। लोकतंत्र में यह सामान्य बात है। पार्टियां विरोध करती हैं और एक-दूसरे की आलोचना भी करती हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करेगा, "हम तब तक उसकी ही भाषा में बात करेंगे। हमें अपनी ताकत का इस्तेमाल करेंगे और इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।" यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के मामलों में किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है।
आतंक के मसले पर पाकिस्तान को लताड़
थरूर ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान अपने देश में पल रहे आतंकियों को तबाह करता है और उनके ठिकानों को नष्ट करता है तो भारत उससे जरूर बात करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर पाकिस्तान इसको लेकर गंभीर कदम उठाता है तो भारत के साथ रिश्ते सामान्य हो सकते हैं। यह बयान भारत की उस स्पष्ट नीति को दोहराता है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयानबाजी का भारतीय राजनीति पर क्या असर पड़ता है और क्या यह भविष्य में भारत-पाकिस्तान संबंधों में कोई बदलाव ला पाता है।