1971 की यादें ताजा! डोभाल के सख्त बयान और मॉक ड्रिल के आदेश से पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी

Description: Ajit Doval ke sakht bayan aur 295 jagahon par mock drill ke adesh se sanket milte hain ki Bharat Pakistan ke khilaf 1971 jaisa kadam utha sakta hai. Balochistan par Bharat ki najar, mock drill aur sainik taiyariyan badi karwai ka ishara.

1971 की यादें ताजा! डोभाल के सख्त बयान और मॉक ड्रिल के आदेश से पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी

पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत का रुख बेहद आक्रामक हो गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के सख्त बयान और देश भर में 295 जगहों पर 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल के आदेश ने स्पष्ट संकेत दिया है कि भारत इस बार पाकिस्तान के खिलाफ 1971 जैसा कड़ा कदम उठाने के लिए तैयार है। बलूचिस्तान को लेकर बन रही रणनीति और ताबड़तोड़ सैन्य तैयारियों से साफ है कि भारत इस बार सिर्फ बदला नहीं, बल्कि पाकिस्तान के नक्शे को बदलने की तैयारी में है।

1971 की यादें ताजा:

भारत सरकार द्वारा 7 मई को देश भर में मॉक ड्रिल के आदेश ने 54 साल पहले 1971 में हुए युद्ध की याद दिला दी है। उस समय भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का माहौल था और भारत ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटकर बांग्लादेश का निर्माण किया था। इस बार भी मॉक ड्रिल का ऐलान उसी तरह के बड़े कदम की ओर इशारा कर रहा है।

डोभाल का सख्त बयान:

चार साल पहले अजीत डोभाल ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था, "अगर पाकिस्तान ने कुछ किया, तो घर में घुसकर जवाब देंगे..." डोभाल का यह बयान अब सच होता दिख रहा है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब डिफेंसिव मोड में नहीं रहेगा और पाकिस्तान को उसकी जमीन पर ही सबक सिखाएगा।

बलूचिस्तान पर भारत की नजर:

इस बार भारत का फोकस बलूचिस्तान पर है। पाकिस्तान की दुखती रग पर भारत की मजबूत पकड़ है। बलूचिस्तान के लोग दशकों से पाकिस्तान की सेना की बर्बरता और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सेना और स्थानीय पुलिस के बीच टकराव की तस्वीरें सामने आई हैं। ऐसे में, यदि भारत बलूचिस्तान को समर्थन देता है या उसे पाकिस्तान से अलग करता है, तो यह न केवल रणनीतिक जीत होगी, बल्कि नैतिक समर्थन भी मिलेगा।

भारत की रणनीति:

भारत की रणनीति में दो बातें स्पष्ट हैं:

  1. पाकिस्तान के अंदर दबाव बनाकर एक बड़ा टुकड़ा अलग करना: भारत बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करके उसे आजाद करने की कोशिश कर सकता है।
  2. सैन्य तैयारी को चरम पर पहुंचाना: मॉक ड्रिल, नई रक्षा खरीद और सीमाओं पर सक्रियता से भारत पाकिस्तान को बिना युद्ध लड़े घुटने टेकने पर मजबूर कर सकता है।

बदले से आगे बदलाव:

पहलगाम हमले में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों को निशाना बनाया गया है। इससे सरकार की जवाबदेही बढ़ गई है। भारत अब 'सर्जिकल स्ट्राइक' या 'एयर स्ट्राइक' जैसे सीमित जवाबों से आगे सोच रहा है। भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रहा है।

कूटनीतिक समर्थन:

बलूच लोग पहले से ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आजादी की मांग उठा रहे हैं। भारत के लिए यह कूटनीतिक रूप से भी सही समय है, जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की आतंकी संरचनाओं को लेकर चिंतित है।

निष्कर्ष:

मॉक ड्रिल, रक्षा खरीद, खुफिया चेतावनी और अजीत डोभाल के सख्त बयान से साफ है कि भारत इस बार पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। भारत सिर्फ बदला नहीं, बल्कि पाकिस्तान के नक्शे को बदलने की रणनीति पर काम कर रहा है। यह बदलाव इतिहास में दर्ज होगा और पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगा।