20 मिनट में पहुंच जाएंगे देहरादून से मसूरी! जल्द ही तैयार होगा देश का सबसे लंबा पैसेंजर रोपवे
देहरादून और मसूरी के बीच बन रहा 5.2 किलोमीटर लंबा रोपवे 2026 तक तैयार हो जाएगा। यह देश का सबसे लंबा पैसेंजर रोपवे होगा और यात्रा का समय घटकर सिर्फ 20 मिनट रह जाएगा।

पहाड़ों की रानी मसूरी घूमने के शौकीन लोगों के लिए एक खुशखबरी है। अब देहरादून से मसूरी का सफर महज 20 मिनट में पूरा हो सकेगा। वर्तमान में इन दो शहरों के बीच लगभग 33 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब सवा घंटा लगता है, लेकिन जल्द ही यह दूरी हवा में सिमट जाएगी। देहरादून और मसूरी को जोड़ने के लिए 5.2 किलोमीटर लंबा एक महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। यह रोपवे न केवल देश का सबसे लंबा पैसेंजर रोपवे होगा, बल्कि इसके 2026 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है।
मोनो-केबल डिटैचेबल गोंडोला सिस्टम पर आधारित:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह अत्याधुनिक रोपवे मोनो-केबल डिटैचेबल गोंडोला सिस्टम पर आधारित होगा। इस परियोजना को मसूरी स्काई कार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह कंपनी एफआईएल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और फ्रांस की पोमा एसएएस और एसआरएम इंजीनियरिंग एलएलपी का एक संयुक्त उद्यम (कंसोर्टियम) है। यह रोपवे लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई तक जाएगा और जब यह बनकर तैयार हो जाएगा, तो यह दक्षिण एशिया का सबसे लंबा मोनो-केबल डिटैचेबल गोंडोला रोपवे होगा, साथ ही दुनिया के सबसे लंबे रोपवे में से एक भी होगा।
पहाड़ी पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा:
इस रोपवे परियोजना का मुख्य उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरों के बीच यातायात को सुगम बनाना है। इसके अतिरिक्त, इसी कंसोर्टियम को यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट भी मिला है, जो खरसाली से यमुनोत्री तक 3.8 किलोमीटर लंबा होगा। यह रोपवे तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को काफी आसान बना देगा। इतना ही नहीं, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के लिए भी रोपवे निर्माण की योजनाएं प्रगति पर हैं। हाल ही में कैबिनेट ने केदारनाथ के लिए 4,081 करोड़ रुपये के एक बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी।
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा होगी सुगम:
वर्तमान में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब तक पहुंचने का मार्ग काफी कठिन है, जिसमें कई किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण ट्रैकिंग शामिल है। हर साल बड़ी संख्या में बुजुर्गों और अन्य लोगों को इन पवित्र स्थलों तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। रोपवे के निर्माण के बाद इन स्थानों पर हर मौसम में यात्रा की अनुमति मिल सकेगी और सभी उम्र के लोग आसानी से इन तीर्थ स्थलों के दर्शन कर सकेंगे।
देहरादून और मसूरी के बीच यह महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि यह क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने और यात्रियों को एक आरामदायक और मनोरम यात्रा अनुभव प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। 2026 तक इस परियोजना के पूरा होने का इंतजार है, जो उत्तराखंड के पर्यटन के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगा।