एअर इंडिया विमान हादसा: उड्डयन मंत्रालय ने बताई पूरी कहानी, ब्लैक बॉक्स से मिलेगा दुर्घटना का रहस्य; 787 विमानों की जांच के आदेश
केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने अहमदाबाद विमान हादसे की पूरी कहानी बताई। AI171 विमान 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर क्रैश हुआ। मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने दुख व्यक्त करते हुए 787 विमानों की जांच और ब्लैक बॉक्स से अहम जानकारी मिलने की बात कही।

अहमदाबाद/नई दिल्ली: 12 जून को गुजरात में हुए भीषण एअर इंडिया विमान हादसे के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने मंत्रालय कार्यालय में हवाई सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा के साथ मिलकर हादसे के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
दुर्घटना का विस्तृत ब्यौरा: 650 फीट पर जाकर खोई ऊंचाई
समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि 12 जून को दोपहर करीब 2 बजे उन्हें सूचना मिली कि अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रहा विमान AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। उन्होंने तुरंत ATC अहमदाबाद के ज़रिए विस्तृत जानकारी हासिल की। सिन्हा के अनुसार, "यह AIC 171 था और इसमें कुल 242 लोग सवार थे, जिसमें 230 यात्री, दो पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। इस विमान ने दोपहर 1:39 बजे उड़ान भरी और कुछ ही सेकंड में करीब 650 फीट की ऊँचाई पर पहुँचकर यह ऊँचाई खोने लगा यानी इसकी ऊँचाई कम होने लगी।"
इमरजेंसी कॉल और विमान का क्रैश
उन्होंने आगे बताया कि दोपहर 1:39 बजे पायलट ने अहमदाबाद ATC को 'मे डे' (Mayday) की सूचना दी, जो पूरी तरह से इमरजेंसी की स्थिति होती है। ATC के मुताबिक, जब उसने विमान से संपर्क करने की कोशिश की तो उसे कोई जवाब नहीं मिला। ठीक एक मिनट बाद, यह विमान मेधानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जो एयरपोर्ट से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विमान के कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव सुंदर थे।
सिन्हा ने यह भी बताया कि इस दुर्घटना से पहले विमान ने पेरिस-दिल्ली-अहमदाबाद सेक्टर की उड़ान बिना किसी परेशानी के पूरी की थी। दुर्घटना के कारण दोपहर 2:30 बजे रनवे को बंद कर दिया गया और सभी प्रोटोकॉल पूरे करने के बाद शाम 5 बजे से अहमदाबाद के रनवे को सीमित उड़ानों के लिए खोल दिया गया।
'पूरे देश को हिलाकर रख दिया': मंत्री किंजरापु
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा, "पिछले दो दिन बहुत मुश्किल भरे रहे हैं। अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुई दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।" उन्होंने बताया कि वह व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल पर गए थे ताकि राहत और सहायता कार्यों का जायजा ले सकें। गुजरात सरकार और भारत सरकार के अन्य मंत्रालय भी लगातार समन्वय स्थापित कर रहे थे।
AAIB सक्रिय, 787 विमानों की विस्तृत निगरानी का आदेश
मंत्री ने बताया कि घटनास्थल पर सभी संबंधित विभागों की प्रतिक्रिया टीमें बचाव कार्य, आग बुझाने और मलबा हटाने का काम कर रही थीं, ताकि शवों को जल्द से जल्द अस्पताल भेजा जा सके। विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB), जिसे ऐसी घटनाओं की जांच के लिए विशेष रूप से बनाया गया है, को तुरंत सक्रिय किया गया।
राम मोहन नायडू ने आगे कहा, "हमारे देश में सुरक्षा के बहुत सख्त मानक हैं। जब यह घटना घटी, तो हमें भी लगा कि बोइंग 787 सीरीज की विस्तृत निगरानी की ज़रूरत है। DGCA ने भी 787 विमानों की विस्तृत निगरानी करने का आदेश दिया है। आज हमारे भारतीय विमान बेड़े में 34 विमान हैं। मेरा मानना है कि 8 विमानों की पहले ही जांच हो चुकी है और तत्काल सभी विमानों की जांच की जाएगी, ताकि प्रक्रिया या प्रोटोकॉल में कोई चूक न हो।"
डीएनए परीक्षण और ब्लैक बॉक्स की अहमियत
उन्होंने कहा कि जान गंवाने वाले लोगों की कहानियाँ देखना बहुत ही दुखद है। "हमने एअर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह यात्रियों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करे।" उन्होंने बताया कि डीएनए परीक्षण भी हो रहा है, ताकि शवों की पहचान की जा सके और उन्हें संबंधित परिवारों को सौंपा जा सके। गुजरात सरकार इसमें समन्वय कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि AAIB के माध्यम से हो रही तकनीकी जांच से एक महत्वपूर्ण अपडेट कल शाम 5 बजे के आसपास घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स की बरामदगी है। AAIB टीम का मानना है कि ब्लैक बॉक्स की यह डिकोडिंग गहराई से जानकारी देने वाली है कि दुर्घटना की प्रक्रिया के दौरान या दुर्घटना से पहले के क्षणों में वास्तव में क्या हुआ होगा।
हर पहलू का विश्लेषण, 3 महीने में विस्तृत रिपोर्ट
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी कहा कि जो भी थ्योरी इस वक्त चल रही है, जांच में उससे जुड़े हर पहलू का विश्लेषण होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि तीन महीने में विस्तृत रिपोर्ट जारी होगी, जिसमें हादसे के कारणों के अलावा भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों, इस पर भी सिफारिशें की जाएंगी।