अमिताभ बच्चन क्यों नहीं बन पाए 'मिस्टर इंडिया'? जावेद अख्तर ने खोला बरसों पुराना राज

मिस्टर इंडिया' में अनिल कपूर नहीं, अमिताभ बच्चन थे पहली पसंद! जावेद अख्तर ने बताई फिल्म बनने की दिलचस्प कहानी, क्यों बिग बी ने कर दिया था इनकार?

अमिताभ बच्चन क्यों नहीं बन पाए 'मिस्टर इंडिया'? जावेद अख्तर ने खोला बरसों पुराना राज

'मिस्टर इंडिया'... हिंदी सिनेमा की एक ऐसी कल्ट क्लासिक फिल्म, जिसने बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी को अपना दीवाना बना लिया था। अनिल कपूर, श्रीदेवी और अमरीश पुरी के यादगार अभिनय से सजी इस फिल्म को शेखर कपूर ने निर्देशित किया था और बोनी कपूर इसके निर्माता थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सुपरहिट फिल्म के मुख्य किरदार 'अरुण वर्मा' यानी 'मिस्टर इंडिया' के लिए पहली पसंद अनिल कपूर नहीं, बल्कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन थे? यह खुलासा खुद फिल्म के लेखक जावेद अख्तर ने किया है।

हाल ही में एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने 'मिस्टर इंडिया' के बनने की दिलचस्प कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि फिल्म का कॉन्सेप्ट कैसे आया और क्यों अमिताभ बच्चन इस आइकॉनिक किरदार को निभाने से चूक गए।

'मिस्टर इंडिया' की कहानी एक ऐसे अदृश्य व्यक्ति की थी, जो आम लोगों की मदद करता है और विलेन को धूल चटाता है। जावेद अख्तर के अनुसार, इस किरदार के लिए अमिताभ बच्चन सबसे परफेक्टchoice थे। अदृश्य व्यक्ति की उपस्थिति उसकी आवाज से ही महसूस होती थी, और उस दौर में अमिताभ बच्चन की आवाज का जो दमदार प्रभाव था, वह किसी और अभिनेता के पास नहीं था।

जावेद अख्तर ने बताया कि 'मिस्टर इंडिया' का विचार उन्हें एक फिल्म के मुहूर्त के दौरान आया था। उस मुहूर्त पर अमिताभ बच्चन खुद तो नहीं आ सके थे, लेकिन उनकी रिकॉर्डेड आवाज सुनाई गई थी। उनकी प्रभावशाली आवाज सुनकर ही अदृश्य व्यक्ति के किरदार का खाका उनके दिमाग में बनने लगा, जिसे उन्होंने अपने लेखन पार्टनर सलीम खान के साथ मिलकर विकसित किया। उन्हें लगा कि पर्दे पर एक ऐसे इनविजिबल मैन की कहानी दिखाना दिलचस्प होगा, जिसकी सिर्फ आवाज का जादू चले।

हालांकि, दो बड़ी वजहों से अमिताभ बच्चन इस कल्ट मूवी का हिस्सा नहीं बन पाए। पहली वजह तो यह थी कि खुद अमिताभ बच्चन को यह कॉन्सेप्ट पहली नजर में पसंद नहीं आया था। जावेद अख्तर ने भी उन पर इस रोल के लिए कोई दबाव नहीं डाला। दूसरी बड़ी वजह थी सलीम-जावेद की मशहूर जोड़ी का टूटना।

उस दौर में यह गॉसिप भी खूब उड़ी थी कि सलीम-जावेद की जोड़ी टूटने के पीछे एक कारण अमिताभ बच्चन भी थे। चर्चा थी कि अमिताभ बच्चन और जावेद अख्तर के बीच काफी गहरी दोस्ती हो गई थी, जिसकी वजह से सलीम खान असहज महसूस कर रहे थे। जावेद अख्तर ने बताया कि इन्हीं अफवाहों के चलते उन्होंने अमिताभ बच्चन से करीब दस साल तक दूरी बनाकर रखी और उनके लिए कोई फिल्म नहीं लिखी।

इसी बीच, अनिल कपूर एक युवा और ऊर्जावान नायक के तौर पर अपनी पहचान बना रहे थे। उनकी कुछ फिल्में जैसे 'मशाल' और 'वो सात दिन' लोगों को पसंद आई थीं। बोनी कपूर उस समय अनिल कपूर को लेकर एक नई फिल्म बनाना चाहते थे और उन्हें जावेद अख्तर का यह अनोखा आइडिया बहुत पसंद आया।

इस तरह 'मिस्टर इंडिया' का किरदार अनिल कपूर की झोली में आ गिरा और उन्होंने पर्दे पर ऐसा जादू बिखेरा कि आज भी लोग उस फिल्म को खूब पसंद करते हैं। 'मिस्टर इंडिया' की सफलता ने बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनाए। यह कहना मुश्किल है कि अगर अमिताभ बच्चन इस फिल्म के हीरो होते तो इसका प्रभाव कैसा होता, क्योंकि उस समय उनका भी स्टारडम चरम पर था। लेकिन अनिल कपूर और श्रीदेवी की जोड़ी ने उस पीढ़ी को जो मनोरंजन दिया, वह आज भी सदाबहार है। 'हवा हवाई' गाने में श्रीदेवी का चुलबुला अंदाज हो या मोगैम्बो बने अमरीश पुरी का खौफनाक किरदार और उनका डायलॉग "मोगैम्बो खुश हुआ", ये सब आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। सतीश कौशिक का 'कैलेंडर' भी फिल्म के यादगार किरदारों में से एक है।

'मिस्टर इंडिया' हिंदी सिनेमा की उन गिनी-चुनी साइंस फिक्शन फिल्मों में से एक है, जिसने दर्शकों को भरपूर मनोरंजन दिया और कई फिल्मों को प्रेरित भी किया। यह फिल्म शेखर कपूर, बोनी कपूर, अनिल कपूर और श्रीदेवी के करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक साबित हुई। खासकर श्रीदेवी, जिन्होंने जितेंद्र के साथ कई हिट फिल्में दी थीं, 'मिस्टर इंडिया' ने उनकी एक ऐसी कालजयी इमेज बना दी, जिसकी चर्चा किए बिना उनकी फिल्मोग्राफी अधूरी है।