अशोका प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, SIT जांच का आदेश, अभिव्यक्ति की आजादी पर टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दी और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर उनकी टिप्पणी के मामले में SIT जांच का आदेश दिया। जानिए पूरी खबर।

अशोका प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, SIT जांच का आदेश, अभिव्यक्ति की आजादी पर टिप्पणी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने इस दौरान प्रोफेसर पर कई कड़ी शर्तें भी लगाई हैं। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर महमूदाबाद के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए 24 घंटे के भीतर एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का भी आदेश दिया है।

जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस की बेंच ने अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लेख किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि प्रोफेसर महमूदाबाद के बयानों को कानून की नजर में 'डॉग व्हिसलिंग' यानी किसी विशेष समूह का समर्थन पाने के लिए गुप्त संदेश वाली भाषा भी माना जा सकता है।

कोर्ट ने प्रोफेसर महमूदाबाद की टिप्पणी के मामले में जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्हें अंतरिम जमानत देते हुए कई पाबंदियां लगाई हैं। अपने आदेश में कोर्ट ने प्रोफेसर महमूदाबाद को भारत और पाकिस्तान के बीच चले सैन्य संघर्ष पर भविष्य में किसी भी तरह की ऑनलाइन पोस्ट लिखने से रोक दिया है।

इसके अतिरिक्त, प्रोफेसर महमूदाबाद को इस केस से जुड़े संबंधित मुद्दों पर कोई भी लेख या ऑनलाइन पोस्ट करने से भी मना किया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मसले पर कोई सार्वजनिक भाषण भी नहीं दिया जाना चाहिए। जमानत की शर्तों के तहत, याचिकाकर्ता प्रोफेसर को अपना पासपोर्ट भी चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष तुरंत जमा कराना होगा।

जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) को प्रोफेसर महमूदाबाद के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक (IG) रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। इस विशेष जांच दल में एक महिला अधिकारी का होना भी अनिवार्य किया गया है।

गौरतलब है कि अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख अली खान महमूदाबाद को 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के बाद एफआईआर दर्ज होने पर गिरफ्तार किया गया था। अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ प्रोफेसर महमूदाबाद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां आज उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। अब इस मामले की जांच एसआईटी द्वारा की जाएगी, जिस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।