Ayodhya News : राम मंदिर में दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा, राम दरबार सहित सात विग्रह होंगे स्थापित, जानें कार्यक्रम

अयोध्या के राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार और सात अन्य देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को होगी। इसके लिए अनुष्ठान 3 जून से शुरू होंगे। 22 जनवरी को बाल रूप में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब राजा राम विराजेंगे।

Ayodhya News : राम मंदिर में दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा, राम दरबार सहित सात विग्रह होंगे स्थापित, जानें कार्यक्रम

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha, Ram Darbar : धर्म नगरी अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। भव्य राम मंदिर के पहले तल पर भगवान राम के राज दरबार की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा आगामी 5 जून को होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के लिए सभी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। यह प्राण प्रतिष्ठा इसलिए भी विशेष है क्योंकि 22 जनवरी 2024 को इसी मंदिर में भगवान श्रीराम बाल रूप 'रामलला' के रूप में विराजमान हुए थे, और अब भक्त भगवान राम को राजा के रूप में उनके पूरे परिवार के साथ दर्शन कर सकेंगे।

राम मंदिर के पहले तल पर बन रहे राज दरबार में भगवान राम, उनके प्रिय अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, जगत जननी माता जानकी और उनके अनन्य सेवक हनुमान जी की दिव्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अयोध्या में श्रद्धालुओं के बीच अभूतपूर्व उत्साह का माहौल है। दूर-दूर से राम भक्त इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। रामलला के दर्शन के बाद अब उनकी उत्सुकता राजा राम के राज्याभिषेक रूप के दर्शन करने के लिए चरम पर है।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. गौरव ग्रोवर ने जानकारी दी कि रामनगरी को फुलप्रूफ सुरक्षा से कवर किया गया है। कार्यक्रम स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। इसके साथ ही, अयोध्या में दर्शन करने आ रहे प्रत्येक श्रद्धालु की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

राम दरबार के साथ सात अन्य विग्रहों की भी होगी प्राण प्रतिष्ठा:

5 जून को न केवल राजा राम के दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी, बल्कि मंदिर के परकोटा में स्थित सात अन्य उप मंदिरों में भी विभिन्न देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इन उप मंदिरों में ईशान कोण पर भगवान शिव के शिवलिंग, अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में पराक्रमी महाबली हनुमान, नैरित्र कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य देव, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता और परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में भगवान विष्णु के शेषावतार की दिव्य प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा भी एक साथ संपन्न होगी।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 16 महीने बाद राजा राम का अभिषेक:

यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के ठीक 16 महीने बाद आयोजित किया जा रहा है। पिछले साल, लोकसभा चुनाव से पहले 22 जनवरी को हुए ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे और इस दिव्य कार्यक्रम में 8000 से अधिक विशिष्ट व्यक्तियों ने भाग लिया था। इस बार, 5 जून को होने वाले इस महत्वपूर्ण समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। यह कार्यक्रम एक प्रकार से भव्य राम मंदिर के निर्माण के एक महत्वपूर्ण चरण का समापन भी होगा, जिसकी नींव 5 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद रखी गई थी।

राम मंदिर भवन निर्माण समिति, जिसका कुशल नेतृत्व प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र कर रहे हैं, ने मंदिर के पहले तल पर राम दरबार के सभी भव्य दरवाजों को स्थापित कर दिया है। इसके अतिरिक्त, परकोटा के भीतर निर्मित छह पूरक मंदिरों और सप्त ऋषियों के सात मंदिरों में भी कपाट लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में, शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। श्रीराम जन्मभूमि के 2.77 एकड़ के विशाल क्षेत्र में निर्मित राम मंदिर के पहले तल पर भगवान श्रीराम, माता जानकी, उनके तीनों अनुजों (लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न) और हनुमान जी के मनमोहक विग्रह पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जिनकी अब विधिवत प्राण प्रतिष्ठा होनी है। यह मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया एक उत्कृष्ट स्थापत्य कला का नमूना है, जिसकी लंबाई पूरब से पश्चिम 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और अद्भुत ऊंचाई 161 फीट है। यह भव्य संरचना कुल 392 कलात्मक खंभों और 44 शानदार दरवाजों से सुसज्जित है।

अयोध्या के प्रकांड पंडितों ने निकाला शुभ मुहूर्त:

जहां 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त काशी के प्रकांड विद्वान पंडितों द्वारा निकाला गया था, वहीं इस बार राजा राम और अन्य विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का पावन मुहूर्त स्वयं अयोध्या के ही प्रतिष्ठित विद्वानों ने निर्धारित किया है। अयोध्या के प्रख्यात आचार्य पंडित प्रदीप शर्मा, आचार्य राकेश तिवारी और आचार्य रघुनाथ दास शास्त्री ने मिलकर इस महत्वपूर्ण अनुष्ठान के लिए शुभ घड़ी निकाली है। 5 जून का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन गंगा दशहरा का पावन पर्व भी है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि गंगा दशहरा से ही द्वापर युग की शुरुआत हुई थी, और इसी पुण्य तिथि पर भगवान राम द्वारा रामेश्वरम की स्थापना भी की गई थी, जिससे इस दिन का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

जानिए दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विस्तृत अनुष्ठान और कार्यक्रम:

  • 2 जून: प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पूर्व संध्या पर, सरयू नदी के पवित्र तट से मातृ शक्तियों द्वारा भव्य जल कलश यात्रा निकाली जाएगी, जो इस आध्यात्मिक आयोजन की पवित्र शुरुआत का प्रतीक होगी।
  • 3 जून से 5 जून: तीन दिवसीय मुख्य अनुष्ठान ज्येष्ठ शुक्ल की अष्टमी (3 जून) से प्रारंभ होगा और दशमी (5 जून) को भगवान की पूजा, भोग और भव्य आरती के साथ पूर्णता को प्राप्त होगा।
  • 3 जून और 4 जून: इन दो दिनों में सभी धार्मिक अनुष्ठान प्रातः 6:30 बजे शुरू होंगे और शाम 6:30 बजे तक विधिवत संपन्न किए जाएंगे।
  • 5 जून: प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान प्रातः 6:30 बजे आरंभ होकर पूर्वाह्न 11:20 बजे तक चलेगा।
  • 5 जून: इस शुभ दिन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण पूर्वाह्न 11:25 बजे से 11:40 बजे के बीच आएगा, क्योंकि यही वह अभिजीत मुहूर्त होगा जब भगवान राजा राम की दिव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत रूप से की जाएगी।

जानिए कौन हैं प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले प्रकांड विद्वान:

इस महत्वपूर्ण प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संपन्न कराने के लिए चंदौली के सुप्रसिद्ध विद्वान पंडित जयप्रकाश तिवारी 101 वैदिक आचार्यों के एक विशाल समूह का नेतृत्व करेंगे। यह विद्वानों की मंडली आठों मंदिरों में स्थापित होने वाले सभी देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा एक साथ वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ संपन्न कराएगी।

कौन होगा मुख्य यजमान, जिसे दूसरी बार मिल रहा है यह दुर्लभ सौभाग्य:

यह एक अद्भुत संयोग है कि 22 जनवरी 2024 को हुए भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान बनने का सौभाग्य श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सम्मानित सदस्य डॉ. अनिल मिश्र और उनकी धर्मपत्नी को प्राप्त हुआ था। इस बार भी, यह दुर्लभ और परम सौभाग्य डॉ. अनिल मिश्र को ही प्राप्त हो रहा है। डॉ. मिश्र एक बार फिर इस ऐतिहासिक दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।