Varanasi News : BHU अस्पताल के PICU में बिजली गुल, वेंटिलेटर पर नवजात परिजनों की अटकी सांसें

मंगलवार देर शाम BHU अस्पताल के पीडियाट्रिक ICU (PICU) में बिजली गुल होने से हड़कंप मच गया। लगभग 10 मिनट तक अंधेरा छाया रहा, जिससे वेंटिलेटर पर मौजूद 10 से अधिक नवजात शिशुओं के परिजनों की सांसें अटकी रहीं।

Varanasi News : BHU अस्पताल के PICU में बिजली गुल, वेंटिलेटर पर नवजात  परिजनों की अटकी सांसें

Varanasi News : मंगलवार देर शाम बीएचयू अस्पताल के बाल रोग विभाग के पीडियाट्रिक आईसीयू (PICU) में बिजली गुल होने से हड़कंप मच गया। इस घटना से अस्पताल में भर्ती 10 से ज़्यादा नवजात शिशुओं के परिजनों की जान हलक में अटक गई, क्यों कि इनमें से कई बच्चे वेंटिलेटर पर थे। करीब दस मिनट तक पीआईसीयू में अंधेरा छाया रहा, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

घटना मंगलवार शाम लगभग 7:30 बजे की है, जब अचानक बिजली चली गई और वार्ड में अंधेरा छा गया। बिजली गुल होने से वेंटिलेटर पर मौजूद बच्चों के परिजन चिंतित हो उठे। मोबाइल की रोशनी में हर कोई वहां मौजूद चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ से बिजली आने का समय पूछने लगा। उस दौरान सभी को केवल वेंटिलेटर और मॉनीटर से निकलने वाली आवाज़ें ही सुनाई दे रही थीं, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता था। तीमारदारों ने तुरंत अपने मोबाइल की टॉर्च जलाई, जिससे बच्चों को देखा जा सका।


बीएचयू की असिस्टेंट प्रोफेसर की आंखों में आंसू

इस घटना से बीएचयू के जियोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कोमल वर्मा भी प्रभावित हुईं, जिनकी नौ महीने की बच्ची पिछले दस दिनों से वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रही है। बिजली गुल होने पर डॉ. कोमल बच्ची को देखकर रो पड़ीं। उन्होंने मोबाइल की रोशनी में इलाज का दो वीडियो भी बनाया। बातचीत में डॉ. कोमल ने बताया कि उन्होंने यह वीडियो शिक्षकों के ग्रुप में शेयर किया और बताया कि पिछले तीन दिन में दो-तीन बार बिजली की समस्या हुई है और यहां कोई बैकअप नहीं है, जिससे बच्चों के इलाज का संकट गहरा गया है। उन्होंने बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अंकुर सिंह पर वार्ड में निरीक्षण के दौरान दुर्व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। डॉ. कोमल ने सवाल उठाया कि अगर बीएचयू के शिक्षक के साथ ऐसा हो रहा है, तो आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार होता होगा।


विभागाध्यक्ष का बयान

इस मामले पर बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अंकुर सिंह ने कहा कि विभाग में बिजली अगर कुछ मिनटों के लिए जाती भी है, तो उसका पूरा पावर बैकअप रहता है। उन्होंने बताया कि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को तुरंत जनरेटर के सहारे बैकअप लेने को कहा गया है। प्रोफेसर सिंह ने यह भी जोर दिया कि पीआईसीयू में भर्ती बच्चों की सेहत की विशेष निगरानी की जाती है।

असिस्टेंट प्रोफेसर से दुर्व्यवहार के आरोप पर प्रोफेसर अंकुर सिंह ने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि "मैंने मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत बच्चे के पास केवल एक तीमारदार को रहने की जानकारी दी, तो वह नाराज हो गईं।"

हालांकि, इस घटना ने अस्पताल में बिजली बैकअप और इमरजेंसी प्रोटोकॉल को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर ऐसे संवेदनशील वार्ड में जहां नवजात शिशुओं का इलाज होता है।

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