बिलावल भुट्टो का इमरान खान पर नया खुलासा: "सेना से नहीं, सरकार से करें बात"; सहानुभूति के पीछे सियासी मायने

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थन में बयान देने के बाद अब बिलावल भुट्टो ने उन पर नया खुलासा किया है। भुट्टो ने कहा कि इमरान की लड़ाई P-M-L-N से है और उन्हें सेना की बजाय सरकार से बात करनी चाहिए। लेख में भुट्टो की सहानुभूति के पीछे के सियासी कारणों पर भी प्रकाश डाला गया है।

बिलावल भुट्टो का इमरान खान पर नया खुलासा: "सेना से नहीं, सरकार से करें बात"; सहानुभूति के पीछे सियासी मायने
इमरान खान

P-P-P (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर नए खुलासे किए हैं, जबकि पहले वे उनके समर्थन में बयान दे चुके हैं। भुट्टो ने कहा कि इमरान की लड़ाई मुख्य रूप से P-M-L-N (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) से है और हम पाकिस्तान में सभी राजनीतिक दलों को साथ देखना चाहते हैं, लेकिन इस आंतरिक लड़ाई के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।

भुट्टो ने इस बात पर जोर दिया कि P-P-P की किसी से दुश्मनी नहीं है और वे एकता तथा काम पर ध्यान केंद्रित करने में विश्वास रखते हैं।

इमरान खान का सरकार से बात न करने का रुख

बिलावल भुट्टो ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि इमरान खान केवल सेना से बात करना चाहते हैं, जबकि उन्हें सरकार से बात करने की जरूरत है, तभी कोई समाधान निकल सकता है। उन्होंने कहा कि अगर इमरान सरकार से बात नहीं करेंगे, तो मुद्दे के हल होने की कोई गुंजाइश नहीं है।

भुट्टो ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान में अदालतों का काम सरकार नहीं करती है। उन्होंने कहा कि इमरान खान का मामला अदालत में है और अगर अदालत उन्हें जमानत देती है, तो P-P-P उनका स्वागत करेगी।

भुट्टो की इमरान के प्रति सहानुभूति के कारण

  1. सियासी समीकरण: बिलावल भुट्टो की P-P-P और शहबाज शरीफ की P-M-L-N सत्ता में साझेदार हैं, लेकिन उनके सियासी रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं। P-P-P शहबाज के गढ़ पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है। P-P-P को लगता है कि भविष्य में अगर सेना से इमरान के रिश्ते सुधरते हैं, तब भी उनकी सत्ता में बने रहने की गुंजाइश खत्म नहीं होगी।
  2. जनाधार का सम्मान: बिलावल भुट्टो को पता है कि इमरान खान के पास अभी भी एक मजबूत जनाधार है। बिलावल की पार्टी जिन दो प्रांतों (सिंध और बलूचिस्तान) की सरकार में शामिल है, वहां उसका मुख्य मुकाबला इमरान की पार्टी से ही है। इसलिए, बिलावल इमरान का खुलकर विरोध कर अपनी मुश्किलें नहीं बढ़ाना चाहते हैं।

इमरान खान की जेल से बाहर न आने की स्थिति

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मई 2023 से भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। उनकी जमानत पर 11 जून को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन जज के उपस्थित न होने के कारण केस को टाल दिया गया।

इमरान खान के समर्थकों का आरोप है कि सरकार और सेना प्रमुख की वजह से वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। इमरान खान ने जेल से सेना प्रमुख असीम मुनीर पर सीधे आरोप लगाए थे।