केनरा बैंक ने EMI घटाई: रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) और MCLR में कटौती, होम-व्हीकल लोन हुए सस्ते!

केनरा बैंक ने RBI के रेपो रेट कट के बाद RLLR और MCLR में कटौती की है। इससे होम लोन और व्हीकल लोन की ब्याज दरें घट गई हैं, जिससे ग्राहकों की EMI कम होगी। यह कदम अर्थव्यवस्था में क्रेडिट डिमांड बढ़ाएगा।

केनरा बैंक ने EMI घटाई: रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) और MCLR में कटौती, होम-व्हीकल लोन हुए सस्ते!
कैनरा बैंक ने घटाई ब्याज दरें

केनरा बैंक (Canara Bank) ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 8.75% से घटाकर 8.25% कर दिया है। यह नया रेट 12 जून 2025 से लागू हो चुका है। यह कदम भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के हालिया 50 बेसिस पॉइंट्स के रेपो रेट कट के बाद आया है, जिसके बाद अब रेपो रेट 5.5% हो गया है। केनरा बैंक ने RBI के इस कट का पूरा फ़ायदा अपने ग्राहकों को दे दिया है, जिससे बैंक के सारे लोन प्रोडक्ट्स अब पहले से सस्ते हो गए हैं।


होम और व्हीकल लोन हुए और किफायती

इस फ़ैसले से होम लोन और व्हीकल लोन की ब्याज दरों में अच्छी-ख़ासी कटौती हुई है।

  • होम लोन की ब्याज दर अब 7.90% से घटकर 7.40% हो गई है।
  • जबकि व्हीकल लोन की दर 8.20% से कम होकर 7.70% पर आ गई है।

इसका सीधा असर होगा कि नए और पुराने दोनों तरह के कर्जदारों की EMI अब कम हो जाएगी। यानी, अब घर या गाड़ी खरीदने का सपना पूरा करना पहले से कहीं ज़्यादा आसान और किफायती हो गया है।


RBI के रेपो रेट कट का असर और MCLR में भी कटौती

RBI ने जब से रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, तब से बैंकों और वित्तीय संस्थानों में ब्याज दरें कम करने की होड़ सी लग गई है। केनरा बैंक ने भी इस मौके को भुनाते हुए न सिर्फ़ RLLR बल्कि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में भी 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। यह कटौती सभी अवधियों के लिए लागू होगी, जिससे पुराने लोन लेने वालों को भी फ़ायदा होगा, जिनके लोन MCLR से जुड़े हैं।

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ते में लोन दे पाते हैं। केनरा बैंक का RLLR रेपो रेट से सीधे जुड़ा हुआ है, इसलिए RBI की पॉलिसी में बदलाव का असर तुरंत ग्राहकों तक पहुँच जाता है। इससे न सिर्फ़ पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि कर्जदारों को तुरंत राहत भी मिलती है।


घर खरीदने का सुनहरा मौका: EMI में अच्छी बचत

अगर आप घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है। केनरा बैंक के होम लोन की ब्याज दर अब सिर्फ़ 7.40% से शुरू हो रही है, पहले यह दर 7.90% थी।

  • उदाहरण के लिए: अगर आपने ₹50 लाख का होम लोन 20 साल के लिए लिया है, तो 7.90% ब्याज दर के हिसाब से मासिक EMI क़रीब ₹49,500 आती थी। अब 7.40% की नई दर पर यह EMI घटकर क़रीब ₹47,800 हो सकती है। यानी, हर महीने क़रीब ₹1,700 की बचत। यह तो सिर्फ़ एक उदाहरण है, लोन की रकम और अवधि के हिसाब से आपकी बचत और भी ज़्यादा हो सकती है।

गाड़ी खरीदने का सपना भी आसान

व्हीकल लोन की बात करें, तो केनरा बैंक ने यहाँ भी ब्याज दर को 8.20% से घटाकर 7.70% कर दिया है। अगर आप नई कार या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब EMI का बोझ पहले से कम होगा।

  • उदाहरण के लिए: मान लीजिए, आपने ₹7 लाख का कार लोन 5 साल के लिए लिया है। पहले 8.20% की दर पर आपकी EMI क़रीब ₹14,800 होती। अब 7.70% की नई दर पर यह EMI घटकर क़रीब ₹14,500 हो सकती है। यानी, हर महीने ₹300 की बचत। यह छोटी-सी बचत लंबे समय में आपके बजट को हल्का कर सकती है।

पुराने लोन वालों को भी राहत और आर्थिक विकास को बढ़ावा

अगर आपने पहले से केनरा बैंक से लोन लिया है और वह MCLR से जुड़ा है, तो आपको भी इस कटौती का फ़ायदा मिलेगा। बैंक ने MCLR में 20 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जो सभी अवधियों के लिए लागू होगी। यानी, चाहे आपका लोन 1 साल का हो या 5 साल का, आपकी ब्याज दर में कमी आएगी और EMI का बोझ हल्का होगा। अगर आपका लोन पुराना है और आपको लगता है कि नई दरों का फ़ायदा लेना चाहिए, तो आप रिफाइनेंसिंग का ऑप्शन भी चेक कर सकते हैं।

केनरा बैंक का यह कदम सिर्फ़ ग्राहकों को राहत देने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा मक़सद है। RBI के रेपो रेट कट के बाद बैंकों का मक़सद है कि क्रेडिट मार्केट में डिमांड बढ़े। यानी, ज़्यादा से ज़्यादा लोग लोन लें, जिससे अर्थव्यवस्था में पैसा घूमे। केनरा बैंक का कहना है कि यह कटौती उनकी उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वो आर्थिक विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं। सस्ते लोन से न सिर्फ़ लोग घर और गाड़ी ख़रीदेंगे, बल्कि बिज़नेस करने वालों को भी निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

इसके अलावा, केनरा बैंक का फ़ोकस फ़ाइनेंशियल इनक्लूजन पर भी है। यानी, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना और उन्हें सस्ता क्रेडिट उपलब्ध कराना। ख़ासकर मध्यम वर्ग और छोटे बिज़नेस वालों के लिए यह कदम काफ़ी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।


ऑटोमोबाइल और हाउसिंग सेक्टर को मिलेगा बूस्ट

केनरा बैंक की इस कटौती का सबसे ज़्यादा असर ऑटोमोबाइल और हाउसिंग सेक्टर में देखने को मिलेगा। सस्ते लोन की वजह से लोग अब ज़्यादा आसानी से गाड़ियाँ और घर खरीद पाएंगे। इससे न सिर्फ़ कंज्यूमर डिमांड बढ़ेगी, बल्कि इन सेक्टर्स में रोज़गार के मौक़े भी बढ़ेंगे। रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पहले से ही रिकवरी मोड में है, और इस तरह के कदम उनकी रफ़्तार को और तेज़ कर सकते हैं।