वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP 7.4% पहुंची, SBI ने बताया इस उछाल का कारण

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी 7.4 फीसदी रही, जो पूरे वित्त वर्ष में सबसे अधिक है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नेट इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में वृद्धि इस मजबूत ग्रोथ का मुख्य कारण है।

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP 7.4% पहुंची, SBI ने बताया इस उछाल का कारण

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शानदार रही, जिसमें देश की जीडीपी 7.4 फीसदी दर्ज की गई। यह आंकड़ा पूरे वित्त वर्ष की किसी भी तिमाही में सबसे बेहतरीन ग्रोथ है, जबकि इससे पहले किसी भी तिमाही में जीडीपी 7 फीसदी के आंकड़े को पार नहीं कर पाई थी। इस मजबूत प्रदर्शन के बाद, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक रिपोर्ट जारी कर इस उछाल के मुख्य कारणों का विश्लेषण किया है।

चौथी तिमाही रही सर्वश्रेष्ठ:

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई, जो इसे इकोनॉमी के लिहाज से सबसे अच्छी तिमाही बनाती है। इससे पहले तीसरी तिमाही में जीडीपी 6.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी (सात तिमाहियों का निचला स्तर) और पहली तिमाही में 6.7 फीसदी रही थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2025 में भारत की विकास दर 6.5 फीसदी रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2024 में यह 9.4 फीसदी थी।

एसबीआई की रिपोर्ट का विश्लेषण:

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की उम्मीद से अधिक मजबूत वृद्धि का मुख्य कारण नेट इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उल्लेखनीय इजाफा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में जीडीपी की 7.4 फीसदी ग्रोथ में 12.7 फीसदी की नेट इनडायरेक्ट टैक्स की वृद्धि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। टैक्स राजस्व में इस वृद्धि ने तिमाही के दौरान समग्र आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026) के लिए भी सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया है। बैंक का अनुमान है कि भारत 6.3 फीसदी और 6.5 फीसदी के बीच जीडीपी वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखेगा।

जीडीपी में तेजी के मुख्य कारण:

एसबीआई की रिपोर्ट में जनवरी 2025 में रिकॉर्ड ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन का उल्लेख किया गया है, जो 1.96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 12.3 फीसदी अधिक था। फरवरी में जीएसटी कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो साल-दर-साल 9.1 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मार्च में जीएसटी कलेक्शन फिर से 1.96 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो 9.9 फीसदी अधिक था।

चौथी तिमाही में लगभग सभी क्षेत्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें सेवा क्षेत्र ने 7.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। सेवा क्षेत्र के भीतर, सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं में 8.7 फीसदी और वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं में 7.8 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली। पूरे वित्त वर्ष 2025 में सेवा क्षेत्र में 7.2 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 9 फीसदी था।

एसबीआई की रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार घरेलू बचत में वृद्धि की ओर भी इशारा करती है। यह उच्च बचत घरेलू निवेश को समर्थन देने और महंगाई को बढ़ाए बिना विकास के लिए पूंजी उपलब्ध कराने की उम्मीद जगाती है। एसबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में मांग-जनित कीमतों में कोई बड़ी वृद्धि नहीं होगी।

इस प्रकार, एसबीआई की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की मजबूत जीडीपी ग्रोथ के लिए नेट इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में वृद्धि और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन को मुख्य कारक मानती है।