देहरादून: खाकी पर दाग! चौकी प्रभारी ने गैंगस्टर एक्ट का डर दिखाकर लूटे एक लाख, रंगे हाथों धरा गया!
देहरादून में घूसखोर पुलिसवाला! चौकी प्रभारी ने जमीन विवाद में गैंगस्टर एक्ट का डर दिखाकर मांगे लाख रुपये, सतर्कता विभाग ने सिखाया सबक।

देहरादून, गुरुवार, 15 मई 2025। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में एक और बड़ा विकेट गिरा है। देहरादून में खाकी वर्दी पर एक बार फिर दाग लगा है, जब सतर्कता अधिष्ठान ने आईएसबीटी चौकी के प्रभारी, उपनिरीक्षक देवेश खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस भ्रष्ट पुलिस अधिकारी पर आरोप है कि उसने एक जमीन विवाद की जांच के दौरान शिकायतकर्ता को गैंगस्टर एक्ट में फंसाने की धमकी देकर घूस मांगी थी।
दरअसल, देवेश खुगशाल पर आरोप है कि उसने शिकायतकर्ता से पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। सतर्कता अधिष्ठान ने मामले की गुप्त जांच की, और जब आरोप पहली नजर में सही पाए गए, तो टीम ने जाल बिछाया। बुधवार को खुगशाल जैसे ही एक लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था, सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने उसे धर दबोचा। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
इस शर्मनाक घटना के बाद देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह बिष्ट ने तुरंत कार्रवाई करते हुए देवेश खुगशाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
यह गिरफ्तारी उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी सख्ती का एक और उदाहरण है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही टिहरी जिले की धनौल्टी तहसील के नाजिर वीरेंद्र सिंह कैंतुरा को भी 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन राज्य सरकार ने हरिद्वार में पंतद्वीप पार्किंग की नीलामी में भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता आर के तिवारी को भी निलंबित कर दिया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार 'भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड' के अपने संकल्प पर दृढ़ है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी जनता का शोषण करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जनता को न्याय दिलाना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। पिछले तीन सालों में भ्रष्टाचार के मामलों में 150 से ज्यादा आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है, और यह ताजा गिरफ्तारी दिखाती है कि सरकार इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।