रेखा गुप्ता की ताजपोशी: दिल्ली को मिली नई महिला मुख्यमंत्री, सुषमा और आतिशी से कितनी अलग है ‘रेखा सरकार’?

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ ली है। जानिए कैसे रेखा सरकार सुषमा स्वराज और आतिशी सरकार से अलग है। क्या दिल्ली को एक नई शीला दीक्षित मिल गई है?

रेखा गुप्ता की ताजपोशी: दिल्ली को मिली नई महिला मुख्यमंत्री, सुषमा और आतिशी से कितनी अलग है ‘रेखा सरकार’?

दिल्ली की सियासत में नया अध्याय: बीजेपी की रेखा सरकार

27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की सत्ता में जोरदार वापसी की है और एक बार फिर राजधानी को महिला नेतृत्व मिला है। रेखा गुप्ता, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र राजनीति से निकली नेता, अब दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं। वे राजधानी की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं हैं और सुषमा स्वराज के बाद बीजेपी की दूसरी महिला मुख्यमंत्री।


सुषमा स्वराज से कितनी अलग हैं रेखा गुप्ता?

  • सुषमा स्वराज को 1998 में केवल 52 दिन के लिए सीएम बनने का मौका मिला था, वह भी पार्टी की अंदरूनी खींचतान के चलते।

  • प्याज की बढ़ती कीमतों और पार्टी के भीतर उठापटक के बीच सुषमा स्वराज एक अस्थायी नेता के रूप में देखी गईं और शीला दीक्षित की आंधी में बीजेपी सत्ता गंवा बैठी।

  • रेखा गुप्ता के पास पूरा 5 साल का कार्यकाल है और उनके साथ पूरी पार्टी व केंद्रीय सरकार का समर्थन है। यानी अब बीजेपी के पास परफॉर्म करने का समय और संसाधन दोनों हैं।


आतिशी की अस्थायी सत्ता और रेखा की स्थिर शुरुआत

  • आतिशी, आम आदमी पार्टी की नेता, एक्सीडेंटल सीएम बनीं थीं जब केजरीवाल शराब घोटाले में जेल गए थे।

  • आतिशी को सिर्फ 152 दिन मिले और वो खुद को "टेम्परेरी सीएम" कहती रहीं।

  • इसके उलट रेखा गुप्ता जनादेश के साथ आई सीएम हैं और उनके पास फुल टर्म है, जिससे वो योजनाएं बना भी सकती हैं और लागू भी।


शीला दीक्षित जैसा मौका, लेकिन रेखा के पास है 'डबल इंजन सरकार'

  • 1998 में शीला दीक्षित को जब मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब कांग्रेस सत्ता में आई थी और उन्हें फुल टर्म मिला, जिससे वो दिल्ली की सबसे सफल सीएम बन पाईं।

  • रेखा गुप्ता को भी ठीक वैसी ही स्थिति मिली है लेकिन एक कदम और आगे — उनके पास है केंद्र में बीजेपी सरकार और उपराज्यपाल का भी समर्थन, जिससे टकराव की संभावना कम हो जाती है।

  • केजरीवाल और आतिशी को जहां फेडरल टकराव का सामना करना पड़ा, वहीं रेखा को नीति निर्धारण और अमल में अपेक्षाकृत स्वतंत्रता और समर्थन मिलेगा।


रेखा गुप्ता की ताकत: संगठन, अनुभव और बैकिंग

  • एबीवीपी से शुरू हुआ रेखा गुप्ता का सियासी सफर अब दिल्ली की सबसे ऊंची कुर्सी तक पहुंच गया है।

  • वो न केवल युवा चेहरे के रूप में पेश की गई हैं, बल्कि उनके पीछे बीजेपी की वरिष्ठ लीडरशिप का भरोसा है।

  • रेखा के पास संसाधन की कमी नहीं, दिल्ली एक सरप्लस बजट वाला राज्य है, केंद्र से भी मदद मिलेगी।


थंबनेल कैप्शन और आइडिया

थंबनेल डिजाइन:

बाएं: रेखा गुप्ता हाथ उठाए शपथ लेते हुए
दाएं ऊपर: सुषमा स्वराज की पुरानी तस्वीर
दाएं नीचे: आतिशी गंभीर मुद्रा में
टेक्स्ट:
????️ "दिल्ली की नई लीडरशिप!"
????‍⚖️ रेखा vs सुषमा vs आतिशी