धूमावती जयंती कल, रोग और बाधाओं से मुक्ति के लिए जरूर कर लें यह काम
Dhumavati Jayanti is on June 3rd. To get rid of diseases and obstacles, offer red cloth and flowers to the goddess, listen to her katha, and chant specific mantras for protection

देवी धूमावती की जयंती हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। साल 2025 में यह तिथि कल, 3 जून, मंगलवार को पड़ रही है। देवी धूमावती दस महाविद्या देवियों में सातवें स्थान पर हैं और रोग, बाधाओं और संकटों से मुक्ति के लिए उनकी आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, दक्ष प्रजापति द्वारा भगवान शिव के अपमान से आहत होकर जब देवी सती ने यज्ञ की अग्नि में आत्मदाह कर लिया था, तो उनके उस योगाग्नि में लीन होने के पश्चात यज्ञ के धुएं से ही देवी धूमावती का प्राकट्य हुआ था।
शुभ मुहूर्त:
अष्टमी तिथि प्रारम्भ: 02 जून 2025, सोमवार को रात 08:34 बजे अष्टमी तिथि समाप्त: 03 जून 2025, मंगलवार को रात 09:56 बजे उदया तिथि के अनुसार, धूमावती जयंती 3 जून, मंगलवार को मनाई जाएगी।
रोग और बाधाओं से मुक्ति के लिए करें यह काम:
धूमावती जयंती के दिन देवी धूमावती की कृपा पाने और रोग व बाधाओं से मुक्ति के लिए निम्नलिखित कार्य अवश्य करने चाहिए:
- देवी मां को लाल वस्त्र और लाल पुष्प अर्पित करें: इस दिन देवी धूमावती को लाल रंग के वस्त्र और लाल फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।
- धूमावती जयंती की कथा सुनें: देवी धूमावती की कथा सुनने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।
- मंत्र जाप: देवी धूमावती के निम्नलिखित मंत्रों का जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है और संकटों से मुक्ति मिलती है:
- $\'\'$ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा$\'\'$
- $\'\'$ॐ धूं धूं धूं धूमावती स्वाहा$\'\'$
- $\'\'$ॐ धूं धूं धुर धुर धूमावती क्रों फट् स्वाहा$\'\'$
- $\'\'$ॐ धूं धूमावती देवदत्त धावति स्वाहा$\'\'$
- $\'\'$ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात्$\'\'$
देवी धूमावती भगवान शिव के धुमेश्वर रुद्र की शक्ति मानी जाती हैं। उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करने से मुश्किल समय में भी सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
(अस्वीकरण: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। सम्पन्न भारत न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।)