पहाड़ों पर बारिश का असर: भीषण गर्मी के बीच छह दिन में 41 सेंटीमीटर बढ़ा गंगा का जलस्तर, पहुंचा 58.64 मीटर!

पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण वाराणसी में गंगा का जलस्तर छह दिनों में 41 सेंटीमीटर बढ़ गया है, जो अब 58.64 मीटर पर पहुंच गया है। इससे नाविकों में खुशी है, लेकिन तटीय इलाकों के किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

पहाड़ों पर बारिश का असर: भीषण गर्मी के बीच छह दिन में 41 सेंटीमीटर बढ़ा गंगा का जलस्तर, पहुंचा 58.64 मीटर!

Varanasi News : भीषण गर्मी से जूझ रहे मैदानी इलाकों के बीच पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर अब गंगा नदी पर साफ दिखने लगा है। पिछले छह दिनों में गंगा का जलस्तर 41 सेंटीमीटर तक बढ़ गया है, जो केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को 58.64 मीटर दर्ज किया गया। इसमें पिछले 72 घंटों में ही 24 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी शामिल है।


जलस्तर बढ़ने का क्रम और आंकड़े

गंगा के जलस्तर में यह वृद्धि 6 जून से शुरू हुई थी। 5 जून को जलस्तर 58.23 मीटर था, जिसके बाद से लगातार इसमें इजाफा हो रहा है:

  • 5 जून: 58.23 मीटर
  • 6 जून: 58.24 मीटर (1 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी)
  • 7 जून: 58.27 मीटर (3 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी)
  • 8 जून: 58.35 मीटर (8 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी)
  • 9 जून: 58.40 मीटर (5 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी)
  • 10 जून: 58.50 मीटर (10 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी)
  • 11 जून: 58.57 मीटर (7 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी)
  • 12 जून: 58.64 मीटर (7 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी)

नाविकों में खुशी, किसानों की चिंता

गंगा के जलस्तर में इस बढ़ाव से नाविक समाज में खुशी का माहौल है, क्योंकि इससे उनकी नावों का संचालन आसान हो जाता है और उन्हें बेहतर कमाई की उम्मीद है। वहीं, दूसरी ओर, तटीय इलाकों में रेत पर क्यारी बनाकर सब्जी और फल उगाने वाले किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि बढ़ते जलस्तर से उनकी फसलें डूबने का खतरा है।

नाविक शंभू साहनी ने स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि गंगा घाटों पर नहाने और अन्य धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और पानी के बहाव के करीब नहीं जाना चाहिए।

तीर्थ पुरोहित दीपक पांडेय ने बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। हर साल गंगा दशहरा के बाद गंगा के जलस्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती है और पितृपक्ष के बाद इसमें कमी आने लगती है। हालांकि, इस बार भीषण गर्मी के बावजूद पहाड़ों पर हुई बारिश ने जलस्तर में उम्मीद से ज़्यादा तेज़ी से वृद्धि की है।