गाजियाबाद: अब बिना सत्यापन के नहीं रखे जा सकेंगे किरायेदार, सोसायटियों में बढ़ी सुरक्षा सख्ती
गाजियाबाद की सभी हाउसिंग सोसायटियों में अब किरायेदार रखने से पहले उनका पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा। बिना अनुमति और जानकारी के किसी को फ्लैट किराये पर देना मना होगा।

गाजियाबाद: अब बिना सत्यापन नहीं रखे जा सकेंगे किरायेदार, सोसायटियों में बढ़ी सुरक्षा सतर्कता
गाजियाबाद, साहिबाबाद: शहर की बहुचर्चित भारत सिटी सोसायटी सहित टीएचए की अन्य हाउसिंग सोसायटियों में अब बिना पुलिस सत्यापन के कोई भी किरायेदार नहीं रह सकेगा। यह फैसला हाल ही में एक सोसायटी में संदिग्ध विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद लिया गया है, जिससे सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता खड़ी हो गई थी।
किरायेदारों की पूरी जानकारी देना अनिवार्य
फेडरेशन ऑफ एओए (Apartment Owners Association) के अध्यक्ष दीपक कुमार ने स्पष्ट किया कि अब सभी मकान मालिकों को किरायेदार रखने से पहले उनका विवरण एओए को देना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा,
“सोसायटी में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा एओए की जिम्मेदारी है। फ्लैट मालिकों को अब जिम्मेदारी से काम लेना होगा और किरायेदारों का पूर्ण सत्यापन करवाना होगा।”
30% किरायेदार, सत्यापन अब होगा प्राथमिकता
भारत सिटी सोसायटी के नवनियुक्त एओए अध्यक्ष जय प्रकाश ठाकुर ने बताया कि उनकी सोसायटी में लगभग 30% फ्लैट्स किरायेदारों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा:
“नए किरायेदारों का तो सत्यापन होगा ही, लेकिन जो वर्तमान में रह रहे हैं उनका भी पुलिस प्रशासन के सहयोग से दोबारा सत्यापन किया जाएगा।”
ठाकुर ने यह भी खुलासा किया कि विस्फोटक सामग्री की बरामदगी से जुड़ी घटना में जो लोग पकड़े गए, वे पहले भी इस तरह का सामान लाते रहे हैं, और यह सब सुरक्षा एजेंसी की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। इसी वजह से अब सुरक्षा एजेंसी से भी जवाब मांगा गया है और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
सोसायटी में लाए जाने वाले सामान की होगी जांच
फेडरेशन के सचिव अवनीश झा ने बताया कि अब से सभी सोसायटियों में बाहरी सामान की भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा:
“अब यदि कोई किरायेदार संदिग्ध वस्तुएं या अत्यधिक सामान लेकर आता है, तो सुरक्षा गार्ड को एओए को तुरंत सूचना देनी होगी। मौके पर पहुंचे अधिकारी जांच करेंगे कि सामान वैध है या नहीं।”
प्रशासन और नागरिकों की साझेदारी से होगी सुरक्षा सुनिश्चित
फेडरेशन का मानना है कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिर्फ कानून नहीं, लोगों की भागीदारी भी जरूरी है। किरायेदार सत्यापन नियम पहले भी मौजूद थे, लेकिन उनका पालन ढीला था। अब इसे सख्ती से लागू किया जाएगा, और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
गाजियाबाद की हाउसिंग सोसायटियों में किरायेदारों को लेकर अब कड़ा रुख अपनाया जा चुका है। बिना सत्यापन किसी को फ्लैट किराये पर देना गैरकानूनी होगा। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों की जवाबदेही और किरायेदारों की गतिविधियों पर निगरानी भी बढ़ा दी गई है। यह कदम बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम फैसला साबित हो सकता है।
क्या आप जानते हैं कि किरायेदार का सत्यापन न कराना कानूनी अपराध भी हो सकता है? अपने अधिकार और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक रहें।