ग्रेटर नोएडा में क्रिकेट सट्टेबाजी गैंग का पर्दाफाश: इंटरनेशनल रैकेट के 8 सदस्य गिरफ्तार, फर्जी किडनैपिंग की कहानी से खुला राज

Greater Noida mein cricket matchon par online satta lagane wale ek international gang ka pardafash. Kasna Police aur SWAT team ne 8 satoriyon ko giraftar kiya. Ek farzi kidnapping ki saazish ki jaanch mein khula raaz.

ग्रेटर नोएडा में क्रिकेट सट्टेबाजी गैंग का पर्दाफाश: इंटरनेशनल रैकेट के 8 सदस्य गिरफ्तार, फर्जी किडनैपिंग की कहानी से खुला राज

ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश: ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट मैचों में ऑनलाइन सट्टा लगवाने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश हुआ है। कासना पुलिस और स्वाट टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस इंटरनेशनल रैकेट का खुलासा राजस्थान के अलवर के दो युवकों द्वारा रची गई फर्जी अपहरण की कहानी की जाँच के दौरान हुआ।


कैसे हुआ गैंग का पर्दाफाश?

पुलिस के मुताबिक, 12 जून 2025 को राजस्थान के अलवर निवासी सुभाष चंद्र ने डायल 112 पर अपने बेटे भीम सिंह (22) और भतीजे (25) नारायण के अपहरण और 7 लाख रुपये की फिरौती मांगे जाने की सूचना दी थी। कासना कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जाँच शुरू की। जब पुलिस ने भीम सिंह और नारायण की लोकेशन ग्रेनो वेस्ट की एक सोसाइटी में ट्रैक की, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। वहाँ पहुँचने पर पता चला कि दोनों अपने साथियों के साथ मिलकर क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा लगवाने का गैंग चला रहे थे।

पुलिस पूछताछ में आरोपी भीम सिंह ने कबूल किया कि उसने खुद अपने अपहरण की साजिश रची थी। उसने बताया कि वह गैंग के अकाउंट का काम देखता था और अकाउंट में करीब 7 लाख रुपये की गड़बड़ी हो गई थी। थाईलैंड में बैठा उसका बॉस लगातार पैसों के लिए दबाव बना रहा था, इसलिए उसने पिता से पैसे निकलवाने के लिए यह अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी।


गिरफ्तार आरोपी और बरामद सामान

पुलिस ने ग्रेनो वेस्ट की व्हाइट आर्किड और राधा स्काई गार्डन सोसाइटी से सभी आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान भीम (22), नारायण (26), ध्रुव (24), मुकीम (19), विशाल कुमार (27), सन्नी जेतवा (27), हिमांशु डकन (20) और सुखदेव सिंह (31) के रूप में हुई है।

आरोपियों के पास से पुलिस को 4 लैपटॉप, 26 मोबाइल फोन, 16 सिम कार्ड, 2 रजिस्टर, 3 पासबुक, 2 चेक बुक, 1 पासपोर्ट और अन्य संबंधित दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।


सट्टेबाजी का तरीका और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन

पुलिस ने बताया कि यह गैंग एक ऐसे ऐप के ज़रिए सट्टा लगवाता था, जो भारत में बैन है। पूछताछ में पता चला कि इस गैंग को थाईलैंड और दुबई से संचालित किया जा रहा था। आरोपी फर्जी नाम-पते पर सिम कार्ड और फर्जी अकाउंट से संबंधित दस्तावेज़ अपने बॉस से प्राप्त करते थे।

मैच के दौरान चौके-छक्के, कुल स्कोर, विकेट गिरने और हार-जीत जैसे हर पहलू पर सट्टा लगाया जाता था। सट्टा लगाने वाले लोग ऐप में दिए गए आरोपियों के व्हाट्सएप नंबरों पर कॉल करते थे और उसके बाद आरोपियों द्वारा उन्हें आईडी उपलब्ध कराई जाती थी। पुलिस के अनुसार, अब तक इस गैंग ने 5 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है। पुलिस आगे की जाँच कर रही है ताकि इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।