गुजरात की विसावदर और काडी विधानसभा सीटों पर 19 जून को होने वाले उपचुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इन दोनों सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। विसावदर में आप के गोपाल इटालिया और काडी में बीजेपी के राजेंद्र चावड़ा प्रमुख दावेदार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में यह चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।
विसावदर और काडी में त्रिकोणीय मुकाबला:
जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर आप ने गोपाल इटालिया, बीजेपी ने किरीट पटेल और कांग्रेस ने नितिन रणपारिया को मैदान में उतारा है। वहीं, महेसाणा जिले की काडी सीट पर बीजेपी के राजेंद्र चावड़ा, कांग्रेस के रमेश चावड़ा और आप के जगदीश चावड़ा अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में विसावदर सीट आप ने जीती थी, जबकि काडी सीट बीजेपी के खाते में गई थी। विसावदर के विधायक भूपत भायाणी के बीजेपी में शामिल होने से यह सीट खाली हुई है, जबकि काडी सीट बीजेपी विधायक करसनभाई सोलंकी के निधन से रिक्त हुई है।
केजरीवाल की साख दांव पर:
दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद आप संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात में पार्टी का आधार बचाने में जुटे हैं। उन्होंने विसावदर सीट पर गोपाल इटालिया को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। केजरीवाल ने बीजेपी को चुनौती दी है कि अगर वह इटालिया को खरीदकर दिखाए, तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न:
विसावदर सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है, क्योंकि पिछले 18 साल से इस सीट पर विपक्ष का कब्जा है। केशुभाई पटेल के चुनाव क्षेत्र रहे विसावदर में बीजेपी के सामने कमल खिलाने की चुनौती है। वहीं, काडी सीट पर बीजेपी को अपना दुर्ग बचाए रखने की चुनौती है, क्योंकि यह सीट प्रधानमंत्री मोदी के गृह जनपद में आती है।
कांग्रेस की वापसी की कोशिश:
कांग्रेस दोनों सीटों पर अपनी वापसी की कोशिश में जुटी है। उसने विसावदर में नितिन रणपारिया और काडी में रमेश चावड़ा को मैदान में उतारा है।
उपचुनाव का महत्व:
इन उपचुनावों को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इन चुनावों के नतीजे तीनों पार्टियों के लिए 2027 के चुनाव की दिशा तय करेंगे। मोदी-शाह के गृह राज्य में इन चुनावों के नतीजे उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं, वहीं केजरीवाल और राहुल गांधी के लिए भी यह चुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।