इजरायल ने ईरान पर 'ट्रेलर' दिखाया F-16 से: आर्मी चीफ समेत बड़े परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, अब 'बाप' F-35 मैदान में आया तो मिट जाएगा ईरान!
इजरायल ने F-16 फाइटर जेट्स से ईरान पर हमला कर आर्मी चीफ, आईआरजीसी प्रमुख और 6 परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया। नतांज न्यूक्लियर साइट भी तबाह हो गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल 'ट्रेलर' था, और अगर इजरायल ने F-35 का इस्तेमाल किया तो ईरान का नामोनिशान मिट सकता है।

इजरायल और ईरान के बीच छिड़े युद्ध में तनाव अप्रत्याशित स्तर पर बढ़ गया है। इजरायल ने ईरान को 'युद्ध का ट्रेलर' दिखाते हुए 200 फाइटर जेट्स से हमला कर ईरान को धुआं-धुआं कर दिया। इस इजरायली हमले में ईरान के आर्मी चीफ और आईआरजीसी प्रमुख मारे गए हैं, साथ ही 6 न्यूक्लियर साइंटिस्टों को भी मौत के घाट उतार दिया गया है। ईरान के न्यूक्लियर साइट्स, जिनमें नतांज एटॉमिक साइट भी शामिल है, को इजरायल ने पूरी तरह तबाह कर दिया है। हमले अब भी जारी हैं।
अब सवाल है कि आखिर इजरायल ने किस हथियार से ईरान की कमर तोड़ी। दरअसल, इजरायल ने जिस फाइटर जेट का इस्तेमाल किया, वह तो अभी उसका ट्रेलर है। उसने तो अभी ईरान के खिलाफ 'बेटे' को ही मैदान में उतारा है। अभी उसका 'बाप' तो मैदान में आया ही नहीं।
F-16 फाइटर जेट से मची तबाही: 'फाइटिंग फाल्कन' ने किया कमाल
जी हां, हम बात कर रहे हैं F-16 फाइटर जेट की। खुद आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्सेस) ने कहा कि इजरायल ने F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल कर ईरान को तबाह किया है। इजरायल ने ईरान के नतांज न्यूक्लियर साइट पर हमले के लिए 200 F-16 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया। ईरान में अभी जितनी भी तबाही हुई है, उसके लिए बस यही F-16 फाइटर जेट जिम्मेदार है।
F-16 को 'फाइटिंग फाल्कन' के रूप में भी जाना जाता है। यह एक अमेरिकी फाइटर जेट है, जिसे लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) कंपनी ने बनाया है। ये फाइटर जेट्स अपनी सटीकता और 2400 किमी/घंटा की रफ्तार और लेजर-गाइडेड मिसाइलों की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो F-16 तो F-35 का 'बेटा' है। अभी तो इजरायल ने 'बाप' यानी F-35 का यूज किया ही नहीं।
हालांकि, इजरायली वायुसेना ने इन F-16 जेट्स को उन्नत रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली के साथ अपग्रेड किया है, ताकि वे दुश्मन के रडार को चकमा दे सकें। इजरायली हमले में F-16 ने काफी सटीकता के साथ नतांज न्यूक्लियर फैसिलिटी को नष्ट किया। इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचा है। इस तरह से देखा जाए तो F-16 ईरान के लिए काल साबित हुआ है। F-16 चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है। यह अमेरिका का फाइटर जेट है और पाकिस्तान के पास भी है। पाकिस्तान भी इसके दम पर कूदता रहता है, मगर ऑपरेशन सिंदूर के वक्त भारत के राफेल के सामने यह फाइटर जेट बौना साबित हो गया था।
F-35 बनाम F-16: क्यों है F-35 कहीं ज़्यादा घातक?
F-16 एक चौथी पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे 1970 के दशक में विकसित किया गया था। वहीं F-35 पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है, जो लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस है। तो चलिए जानते हैं कि F-35, F-16 से कैसे ज़्यादा बेहतर है:
- स्टेल्थ टेक्नोलॉजी (रडार से अदृश्यता): F-35 की सबसे बड़ी ताकत इसकी स्टेल्थ डिज़ाइन है, जिससे यह रडार पर दिखाई नहीं देता। वहीं F-16 को दुश्मन के रडार से आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।
- सेंसर फ्यूजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: F-35 में एडवांस सेंसर लगे हैं जो रीयल टाइम में सभी डेटा को जोड़कर पायलट को 360 डिग्री की पूरी जानकारी देते हैं। F-16 में यह सुविधा सीमित है।
- डॉगफाइट + ग्राउंड अटैक दोनों में माहिर: F-35 मल्टी-रोल फाइटर है, जो हवा में लड़ाई के साथ-साथ ज़मीनी ठिकानों पर सटीक हमला कर सकता है। इसमें AIM-9X, JDAM जैसी स्मार्ट मिसाइलें लगती हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता: F-35 दुश्मन के रेडियो, रडार और कम्युनिकेशन को ब्लॉक या हैक कर सकता है। F-16 में ऐसी उन्नत क्षमता नहीं है।
- कम मेंटेनेंस, ज़्यादा ऑटोमेशन: F-35 में स्वचालित हेल्थ चेक सिस्टम है, जिससे इसके रखरखाव में समय और पैसा दोनों की बचत होती है।
F-35 का यूज़ मतलब ईरान खत्म?
कुल मिलाकर बात यह है कि इजरायल ने F-16 का इस्तेमाल कर इजरायल को ट्रेलर दिखाया है। वो अलग बात है कि ट्रेलर में ही ईरान हांफ गया। अब अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है तो यह संभव है कि इजरायल F-35 का इस्तेमाल करे। अगर ऐसा होता है, तो ईरान का नामोनिशान मिटना तय है, क्योंकि F-35 की क्षमताएं F-16 से कहीं ज़्यादा विध्वंसक हैं।
इजरायली हमले में ईरान के कई बड़े दिग्गज मारे गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हुसैन सलामी (आईआरजीसी के कमांडर-इन-चीफ)
- घोलम-अली रशीद (सशस्त्र बलों के रणनीतिक कमांडर)
- डॉ. तेहरांची (परमाणु हथियार विकसित करने की अमाद योजना में परियोजना पर्यवेक्षक और परमाणु विस्फोटक परीक्षण पर आधारित उप-परियोजना 3/30 के परियोजना पर्यवेक्षक। वे ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों में से एक थे।)
- फेरेदून अब्बासी (ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख)
यह हमला मध्य पूर्व में तनाव को चरम पर ले गया है, और वैश्विक समुदाय बेसब्री से अगले कदम का इंतज़ार कर रहा है।