इमरान खान का यू-टर्न: सरकार से बातचीत को तैयार, लेकिन शर्तों के साथ!

Former PM Imran Khan signals willingness for talks with the government, but sets conditions. Explore the latest political developments in Pakistan.

इमरान खान का यू-टर्न: सरकार से बातचीत को तैयार, लेकिन शर्तों के साथ!

पाकिस्तान की राजनीति में फिर से बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई (PTI) के संस्थापक इमरान खान ने आखिरकार सरकार से बातचीत के लिए हरी झंडी दिखा दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में नेशनल असेंबली में सभी राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था।

अडियाला जेल में बंद इमरान खान अब चुप नहीं रहना चाहते। उन्होंने सरकार से बातचीत के लिए हामी तो भर दी है, लेकिन अपनी कुछ शर्तें भी रखी हैं। सूत्रों के अनुसार, इमरान की रणनीति सिर्फ शहबाज शरीफ की सरकार को ही नहीं, बल्कि शक्तिशाली सैन्य जनरल आसिम मुनीर के प्रभाव को भी चुनौती देने की है।

बातचीत के लिए सशर्त हामी:

इमरान खान ने पहली बार सरकार से बातचीत के लिए हामी भरी है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह बातचीत कैमरों से दूर, पर्दे के पीछे होनी चाहिए। वह पिछली बार की तरह कोई नाटकीय स्थिति नहीं चाहते हैं। उनका मानना है कि पिछली बार बातचीत मीडिया के लगातार ध्यान देने के कारण विफल रही।

गोहर अली खान को जिम्मेदारी:

इमरान खान ने पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गोहर अली खान को बातचीत का पूरा जिम्मा सौंपा है। जेल में मुलाकात के बाद, गोहर अली खान ने प्रधानमंत्री का संदेश इमरान खान तक पहुंचाया और अब औपचारिक संवाद शुरू करने की तैयारी है।

सेना को शामिल करने का संकेत:

इमरान खान अब सेना को भी बातचीत में एक हितधारक के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। सूत्रों के अनुसार, वह सैन्य प्रतिनिधि से मिलने की इच्छा जता चुके हैं ताकि समझौते का रास्ता आसान हो सके।

नेतृत्व बैठक का आयोजन:

आज चारों प्रांतों, आजाद कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के पीटीआई नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में भविष्य की आंदोलन रणनीति पर चर्चा की जाएगी। पार्टी में एक बार फिर से केंद्रीय नेतृत्व की छवि उभर रही है।

कानूनी लड़ाई में आक्रामक रुख:

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय और लाहौर उच्च न्यायालय में चल रहे मामलों के संबंध में, पीटीआई ने कानूनी स्तर पर अपनी उपस्थिति और तैयारी को मजबूत किया है। इमरान खान के खिलाफ अल-कादिर मामले और 9 मई के मामलों पर आज ही सुनवाई हो रही है।

तीन महत्वपूर्ण संकेत जो इमरान खान की तैयारी को दर्शाते हैं:

  1. शहबाज शरीफ के बातचीत के प्रस्ताव को 'टाइमिंग' के साथ स्वीकार करना: इमरान खान ने इसे तुरंत स्वीकार नहीं किया, बल्कि रणनीतिक समय पर स्वीकार किया ताकि इसका अधिक प्रभाव हो।
  2. पीटीआई नेताओं की जेल में लामबंदी: आज खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सहित कई वरिष्ठ नेता इमरान खान से मिलने अडियाला जेल पहुंचे। यह संकेत देता है कि पार्टी फिर से इमरान खान के आसपास संगठित हो रही है।
  3. सेना की 'बैकिंग' के बिना कोई समाधान नहीं: इमरान खान अब खुले तौर पर मानते हैं कि पाकिस्तान की राजनीति में सेना की सहमति के बिना कोई राजनीतिक समाधान संभव नहीं है। यह उनके पहले के विरोधाभासी रुख से एक बड़ा बदलाव है।