शर्मनाक! मां की अर्थी पर नहीं रखने दी लाश, चांदी के कड़े के लिए श्मशान में भिड़ गए दो भाई

जयपुर में रिश्तों का कत्ल! मां की अर्थी भी नहीं बख्शी, चांदी के कड़े के लालच में बेटों ने श्मशान घाट पर किया घिनौना काम, वीडियो देखकर कांप उठे लोग।

शर्मनाक! मां की अर्थी पर नहीं रखने दी लाश, चांदी के कड़े के लिए श्मशान में भिड़ गए दो भाई

राजस्थान के जयपुर जिले के शाहपुरा में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उनके दो बेटों ने लालच की सारी हदें पार कर दीं। ये कलयुगी बेटे अपनी मां के अंतिम संस्कार के दौरान, उनके चांदी के कड़े के लिए आपस में बुरी तरह से भिड़ गए। हद तो तब हो गई, जब एक बेटा कड़ा पाने की जिद में मां की अर्थी पर उनकी लाश रखने से पहले खुद जाकर लेट गया!

इस शर्मनाक घटना का किसी ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसे देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। हर कोई इन दोनों बेटों के इस घिनौने कृत्य की कड़ी निंदा कर रहा है और उनके खिलाफ सख्त पुलिस कार्रवाई की मांग कर रहा है। यह घटना समाज की नैतिकता पर एक गहरा सवाल खड़ा करती है।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मां की अर्थी जमीन पर रखी हुई है और उनके दोनों बेटे एक मामूली चांदी के कड़े के लिए आपस में हाथापाई और गाली-गलौज कर रहे हैं। वह कड़ा उनकी मृत मां का है, जिसे पाने के लिए दोनों भाई सारी मर्यादाएं भूल गए।

जानकारी के मुताबिक, लीला का बास गांव की रहने वाली एक बुजुर्ग महिला का निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और परिवार, रिश्तेदार व पड़ोसी श्मशान घाट पर इकट्ठा थे। तभी अचानक मृत महिला के दो बेटे मां के चांदी के कड़े को लेकर आपस में झगड़ने लगे।

इन बेशर्म बेटों को अपनी मां की लाश की भी परवाह नहीं थी, जो अर्थी समेत जमीन पर पड़ी रही और वे आपस में कुत्ते-बिल्लियों की तरह लड़ते रहे। कड़े को लेकर उनके बीच छीना-झपटी होती रही। एक तो इतना बेशर्म हो गया कि मां की चिता पर उनकी अर्थी रखने से पहले ही उस पर जाकर लेट गया।

स्थानीय लोगों ने इन दोनों भाइयों की इस शर्मनाक हरकत पर गहरा दुख और गुस्सा जताया है। उनका कहना है कि यह घटना सामाजिक तौर पर बेहद निंदनीय है और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और ऐसा घिनौना कृत्य करने की हिम्मत न कर सके। यह घटना दिखाती है कि आज के दौर में कुछ लोगों के लिए रिश्तों और भावनाओं से ज्यादा महत्व पैसे और मामूली चीजों का रह गया है।