झारखंड: 10 लाख के इनामी नक्सली पप्पू लोहरा का खात्मा, झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट का था हत्यारा

झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट की हत्या, 98 केस में वांटेड; टूट गया 10 लाख के इनामी नक्सली पप्पू लोहरा का तिलस्म।

झारखंड: 10 लाख के इनामी नक्सली पप्पू लोहरा का खात्मा, झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट का था हत्यारा

लातेहार: झारखंड में सुरक्षा बलों को शनिवार को बड़ी सफलता मिली, जब उन्होंने एक मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली पप्पू लोहरा को मार गिराया। 15 वर्षों से आतंक का पर्याय बने पप्पू लोहरा पर झारखंड पुलिस ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। लातेहार जिले के इचाबार जंगल में हुए इस एनकाउंटर में पप्पू लोहरा का साथी और पांच लाख का इनामी नक्सली प्रभात गंझू भी मारा गया है।

पप्पू लोहरा प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) का मुखिया था और झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की हत्या का मुख्य आरोपी था। सितंबर 2021 में हुए इस हत्याकांड ने सुरक्षा बलों को हिलाकर रख दिया था। पप्पू लोहरा पिछले 15 सालों से लातेहार, लोहरदगा और पलामू के जंगलों में सक्रिय था और उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी और आगजनी जैसे 98 से अधिक मामले दर्ज थे। माना जा रहा है कि उसके खिलाफ और भी कई मामले हो सकते हैं, जिनमें उसका नाम सीधे तौर पर शामिल नहीं है।

सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार का हत्यारा पप्पू लोहरा इचाबार के जंगल में अपने साथियों के साथ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की।

मुठभेड़ के दौरान, पप्पू लोहरा और उसके साथियों ने सुरक्षा बलों का मुकाबला करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पप्पू लोहरा और प्रभात गंझू मारे गए। इस दौरान, भागने की कोशिश कर रहे एक अन्य नक्सली को भी पुलिस ने पैर में गोली मारकर पकड़ लिया। इस मुठभेड़ में झारखंड पुलिस का एक जवान अवध सिंह भी घायल हुआ है, जिसे पकड़े गए नक्सली के साथ इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पप्पू लोहरा 2006-07 में माओवादी संगठन से अलग होकर संजय यादव के साथ एक नया संगठन बनाया था। बाद में, 2009-10 में वह झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) में शामिल हो गया और धीरे-धीरे इस संगठन का मुखिया बन बैठा। उसकी मौत को जेजेएमपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

इस सफलता पर झारखंड पुलिस के आला अधिकारियों ने संतोष व्यक्त किया है और इसे राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।