Moradabad : मदर्स डे पर पसरा मातम, बेटी के फोन ने खोला मां की मौत का राज

मुरादाबाद में मदर्स डे के दिन एक दुखद घटना सामने आई। बेटी के फोन करने पर पता चला कि 11 साल से अकेली रह रही बुजुर्ग मां की कई दिन पहले मौत हो चुकी है।

Moradabad : मदर्स डे पर पसरा मातम, बेटी के फोन ने खोला मां की मौत का राज

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में मदर्स डे के दिन एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने रिश्तों की डोर और अकेलेपन की त्रासदी को उजागर किया। यहां एक बेटी ने जब अपनी मां को मातृ दिवस की शुभकामनाएं देने के लिए फोन किया, तो उसे एक ऐसी सच्चाई पता चली जिसने उसे और पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। उसकी 11 वर्षों से एक अपार्टमेंट में अकेली रह रही बुजुर्ग मां, कई दिन पहले ही इस दुनिया से विदा हो चुकी थीं।

अनीता देवी, जिनकी उम्र का उल्लेख खबर में नहीं है, मुरादाबाद के एक अपार्टमेंट में अकेली रहती थीं। 2014 में उनके पति सतपाल सिंह का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था, जिसके बाद से वह अपनी जिंदगी अकेले ही गुजार रही थीं। उनके दो बेटे हैं - दीपक, जो लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हैं, और दूसरा बेटा जो दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी करता है। उनकी एक बेटी है, जिसकी शादी नोएडा में हुई है।

मदर्स डे के मौके पर, अपनी मां को प्यार भरा संदेश देने के लिए बेटी ने उन्हें फोन किया। हालांकि, बार-बार फोन करने पर भी जब कोई जवाब नहीं मिला, तो बेटी को चिंता हुई। अनहोनी की आशंका से उसने मुरादाबाद में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार को मां के अपार्टमेंट पर भेजा। जब रिश्तेदार वहां पहुंचे और दरवाजा खोला, तो अंदर का दृश्य देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बुजुर्ग अनीता देवी अपने घर में मृत पाई गईं।

यह दुखद घटना कई सवाल खड़े करती है। एक बुजुर्ग महिला, जो 11 वर्षों से एक अपार्टमेंट में अकेली रह रही थी, उसकी मौत कब हुई और किसी को इसकी खबर क्यों नहीं लगी? क्या पड़ोसियों ने उनकी खैर-खबर नहीं ली? क्या उनके बच्चे इतने दूर थे कि उन्हें अपनी मां की हालत का अंदाजा भी नहीं लग सका?

मदर्स डे, जो मांओं के सम्मान और प्यार का दिन होता है, इस परिवार के लिए मातम में बदल गया। एक बेटी अपनी मां को शुभकामनाएं देना चाहती थी, लेकिन उसे उनकी मौत की खबर मिली। यह घटना अकेलेपन की उस भयावह तस्वीर को दर्शाती है, जो आज के आधुनिक जीवनशैली में कई बुजुर्गों की नियति बन गई है। बच्चे अपने करियर और परिवार में व्यस्त हो जाते हैं, और बूढ़े माता-पिता अकेलेपन के अंधेरे में गुम होते चले जाते हैं।

अनीता देवी के मामले में भी यही हुआ। उनके पति के निधन के बाद, उनके बच्चे अपनी-अपनी जिंदगी में व्यस्त हो गए और वह अपने अपार्टमेंट में अकेली रह गईं। शायद कभी-कभार उनका फोन आता होगा, लेकिन उनकी रोजमर्रा की जिंदगी कैसी गुजर रही थी, इसकी शायद किसी को खबर नहीं थी। और अंततः, एक दिन उनकी मौत हो गई और उनके बच्चों को इसका पता तब चला जब वे उन्हें मदर्स डे विश करने के लिए फोन कर रहे थे।

यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है। हमें अपने बुजुर्ग माता-पिता और रिश्तेदारों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है, खासकर जो अकेले रहते हैं। उनकी देखभाल करना, उनसे नियमित रूप से संपर्क में रहना और उनकी जरूरतों का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। आधुनिक तकनीक ने दूरियों को कम जरूर किया है, लेकिन यह मानवीय संपर्क और देखभाल का विकल्प नहीं हो सकता।

'संपन्न भारत न्यूज़' इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करता है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास रहने वाले बुजुर्गों के प्रति अधिक जागरूक और संवेदनशील रहना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और मां को इस तरह अकेले और बेखबर मौत का शिकार न होना पड़े