काशी पहुंचे संत मोरारी बापू: बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन कर हुए अभिभूत, बोले यह सनातन आस्था का विराट स्वरूप है

रामकथा वाचक संत मोरारी बापू शनिवार को काशी पहुंचे और बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन कर अभिभूत हुए। उन्होंने धाम को 'सनातन आस्था का विराट स्वरूप' बताया। आज शाम से सिगरा के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में उनकी 958वीं रामकथा 'मानस सिंदूर' शुरू हो रही है।

काशी पहुंचे संत मोरारी बापू: बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन कर हुए अभिभूत, बोले यह सनातन आस्था का विराट स्वरूप है

Varanasi News : रामकथा वाचक संत मोरारी बापू शनिवार को धर्मनगरी काशी पहुँचे। दोपहर में उन्होंने बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में हाज़िरी लगाई और विधिवत पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा का दर्शन करने के बाद उन्होंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें बाबा के दर्शन का अवसर मिला।


"बाबा का दरबार अद्भुत, मन गदगद हो गया"

मोरारी बापू ने बाबा के नव्य-भव्य धाम और विश्वनाथ कॉरिडोर की भव्यता को निहारते हुए कहा कि "बाबा का दरबार अद्भुत है। यहाँ आकर मन आत्मविभोर हो गया। जो भी यहाँ आता है, वह आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।" उन्होंने कॉरिडोर को केवल एक संरचना नहीं, बल्कि "सनातन आस्था का विराट स्वरूप" बताया।

बापू ने कहा, "मेरा यह सौभाग्य है कि मुझे बाबा का साक्षात दर्शन प्राप्त हुआ और मुझे काशी में कथा कहने का भी अवसर मिल रहा है। यह मेरे जीवन की सबसे पावन अनुभूतियों में से एक है।"


श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह, आज से रामकथा शुरू

मोरारी बापू के आगमन पर श्रद्धालुओं और उनके अनुयायियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। विश्वनाथ धाम परिसर में उनके पहुँचते ही भक्ति और श्रद्धा का वातावरण और भी दिव्य हो गया। काशी के संतों और श्रद्धालुओं ने मोरारी बापू का पुष्पवर्षा और जयकारों के साथ भव्य स्वागत किया।

बापू ने काशी को 'आत्मा की नगरी' बताते हुए कहा कि यहाँ कथा कहना केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक साधना है। उन्होंने इसे हर कथावाचक का सपना बताया, जो आज उनका साकार हो गया है।

काशी में आज (शनिवार) से मोरारी बापू की 958वीं रामकथा सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में शुरू हो रही है। 22 जून तक चलने वाली इस रामकथा का शीर्षक 'मानस सिंदूर' रखा गया है, जो ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित है। कथा का शुभारंभ आज शाम चार बजे होगा, जिसके बाद 15 जून से 22 जून तक कथा सुबह दस बजे से चलेगी। इस कथा का सजीव प्रसारण यूट्यूब के माध्यम से विश्व के 170 देशों में किया जाएगा। कथा में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रोता शामिल होंगे, जिनके लिए कथा स्थल के समीप प्रभु प्रसाद (खुला भंडारा) की व्यवस्था की गई है। कथा का आयोजन सेठ दीनदयाल जालान सेवा ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है।