मुंबई में भारी बारिश का कहर, रेड अलर्ट जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त
मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में मूसलाधार बारिश से बाढ़ और ट्रैफिक जाम, आईएमडी ने रेड अलर्ट जारी किया, ट्रेनें और बसें प्रभावित, डिप्टी सीएम करेंगे स्थिति की समीक्षा।

महाराष्ट्र के कई इलाकों में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में कहर बरपाया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दोपहर 12.38 बजे इन क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है, जिसमें अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। लगातार बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
महाराष्ट्र में बारिश
विशेष रूप से दक्षिण मुंबई में ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। मध्य रेलवे और हार्बर लाइन की लोकल ट्रेनों को पटरियों पर पानी भर जाने के कारण भारी व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वे देरी से चल रही हैं। हालांकि, पश्चिमी रेलवे की सेवाएं ज्यादातर सामान्य रूप से जारी हैं। सड़कों पर जलभराव के कारण बसों के मार्गों में परिवर्तन किया गया है, और कुछ मार्गों पर बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
मुंबई में बारिश की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नरीमन पॉइंट में सुबह 9 से 10 बजे के बीच 104 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 8.30 से 11.30 बजे के बीच कोलाबा में सबसे अधिक 105.2 मिमी बारिश दर्ज हुई, जबकि बांद्रा में 68.5 मिमी, जुहू एयरपोर्ट पर 63.5 मिमी और सांताक्रूज़ में 55 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह इस मौसम की सबसे शुरुआती और उच्च तीव्रता वाली बारिश है, जिसमें कोलाबा में महज तीन घंटों में 100 मिमी का आंकड़ा पार हो गया।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दोपहर 2 बजे बीएमसी के आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे और राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे।
यातायात व्यवस्था के साथ-साथ मुंबई की मेट्रो सेवाओं पर भी बारिश का असर पड़ा है। तकनीकी समस्या के कारण मुंबई मेट्रो लाइन-3 की सेवाएं फिलहाल वर्ली स्टेशन तक ही सीमित कर दी गई हैं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने इस अप्रत्याशित बारिश पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्री-मानसून बारिश इस बार 15 दिन पहले ही आ गई है। उन्होंने बताया कि कम समय में अत्यधिक वर्षा हुई है, जबकि अगले कुछ दिनों तक (10-11 जून तक) यहां बारिश की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को तैनात कर दिया गया है, जो प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
सोमवार की सुबह ठाणे से मुंबई जाने वाले यात्रियों को भी भारी देरी का सामना करना पड़ा, क्योंकि मानसून की पहली तेज बारिश के कारण उपनगरीय ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं। यात्रियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस की ओर जाने वाली ट्रेनों के देरी से चलने की शिकायत की है।
गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने रविवार को सिंधुदुर्ग और आसपास के क्षेत्रों सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में दस्तक दे दी है। मानसून का यह आगमन अपने सामान्य समय (5 जून) से लगभग 10 दिन पहले हुआ है। 1960 के बाद यह केवल सातवीं बार है जब राज्य में मई के महीने में मानसून ने प्रवेश किया है, जिसमें सबसे पहले 1990 में 20 मई को मानसून का आगमन दर्ज किया गया था। पुणे में आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसडी सनप के अनुसार, अगले तीन दिनों में पुणे और मुंबई में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। तटीय कोंकण और मध्य महाराष्ट्र में पहले से ही भारी बारिश दर्ज की गई है, जिससे नासिक से कोल्हापुर तक के इलाके भीग गए हैं।
कुल मिलाकर, मुंबई और आसपास के इलाकों में भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, और प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी है।