नैनीताल दुष्कर्म कांड: राजमिस्त्री से ठेकेदार बनने वाला उस्मान, दो शादियां, ऊँचा रसूख और गिरता चरित्र
नैनीताल दुष्कर्म कांड में आरोपी उस्मान की कहानी चौंकाने वाली है। जानिए कैसे एक राजमिस्त्री शहर का नामी ठेकेदार बना, उसकी दो शादियां, बच्चों की ऊँची पढ़ाई और उसके आपराधिक गिरावट की कहानी।

नैनीताल क्राइम
नैनीताल में हुए एक सनसनीखेज बालिका दुष्कर्म कांड ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। इस मामले में आरोपी बना है शहर का एक नामी ठेकेदार उस्मान, जो कभी राजमिस्त्री के रूप में यहां आया था। चार दशक पहले की मामूली शुरुआत से लेकर करोड़ों के ठेकों तक उसकी पहुंच बनी, लेकिन एक घिनौने अपराध ने उसकी सालों की बनाई प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला दिया।
मजदूरी से शुरू हुआ सफर
उस्मान लगभग 40 साल पहले नैनीताल में काम की तलाश में आया था। उसने राज्य अतिथिगृह में राजमिस्त्री का कार्य किया और बाद में कई स्थानीय ठेकेदारों के साथ जुड़कर कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में अनुभव हासिल किया। कुछ ही वर्षों में उसने खुद छोटे-छोटे ठेके लेने शुरू कर दिए और लोनिवि (PWD) में बतौर पंजीकृत ठेकेदार शामिल हो गया।
आज वह सी-क्लास ठेकेदार है और नगर पालिका समेत कई विभागों में सक्रिय रूप से ठेकेदारी कर रहा है। हाल ही में उसे एक प्रतिष्ठित निजी संस्था से ढाई करोड़ रुपए का ठेका भी मिला था।
दो शादियां और ऊँची पारिवारिक स्थिति
उस्मान की दो शादियां हो चुकी हैं। उसकी पहली पत्नी से दो बेटियां हैं जो नैनीताल के एक निजी स्कूल में पढ़ती हैं। दूसरी शादी उसने 2016 में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में की। उसकी दूसरी पत्नी अक्सर संभल से नैनीताल आती-जाती रहती है।
उसके तीन बच्चों में एक सरकारी डॉक्टर और एक लोनिवि में अभियंता है, जो परिवार की ऊँचाई दर्शाते हैं। लेकिन इन सबके बीच, एक गहरी सच्चाई छिपी थी—उस्मान का वह चेहरा जो कानून और नैतिकता दोनों के लिए शर्मनाक है।
दुष्कर्म की घटना: मासूम पर बर्बरता
12 अप्रैल को, उस्मान ने एक 12 वर्षीय बालिका को बाजार से 200 रुपए का लालच देकर अपने घर ले गया। वहां उसने गैराज में खड़ी कार में दुष्कर्म किया। बालिका ने विरोध किया तो उसने चाकू दिखाकर डराया और मुंह पर कपड़ा बांध दिया।
घटना की जानकारी तब सामने आई जब बच्ची कुछ दिनों तक गुमसुम रही और उसकी बड़ी बहन ने पहले नानी और फिर मां को बुलाया। मां ने बच्ची से पूछताछ कर मल्लीताल कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।
सामाजिक प्रतिक्रिया और तनाव
घटना सामने आने के बाद नैनीताल में तनाव का माहौल बन गया। बुधवार रात कुछ लोगों ने एक ही समुदाय के व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ की और मारपीट भी की। इस पर पुलिस ने 25 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सामाजिक प्रतिष्ठा से अपराधी तक
उस्मान जैसे व्यक्ति का पतन यह दर्शाता है कि सामाजिक रसूख और आर्थिक ऊंचाई, मानवता और नैतिकता के बिना खोखली हैं। वर्षों की मेहनत से उसने जो नाम कमाया था, वह एक घिनौनी हरकत ने बर्बाद कर दिया।
निष्कर्ष
नैनीताल का यह मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का सवाल है। बच्चों की सुरक्षा, महिलाओं का सम्मान और आपराधिक प्रवृत्तियों पर समय रहते अंकुश लगाना प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है।
इस घटना ने साबित किया है कि बाहरी रूप से प्रतिष्ठित दिखने वाला कोई व्यक्ति भीतर से कितना गिरा हुआ और खतरनाक हो सकता है।