दिल्ली में अब नहीं चलेगा प्राइवेट स्कूलों का मनमाना रवैया: फीस एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी, अभिभावकों को मिले अधिकार
दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए नया कानून पास किया है। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इस एक्ट से अभिभावकों को मिली निर्णायक भूमिका।

नई दिल्ली | ब्यूरो रिपोर्ट: दिल्ली में अब प्राइवेट स्कूल अपनी मर्जी से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद की अगुवाई में मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट ने निजी स्कूल फीस नियंत्रण एक्ट को मंजूरी दे दी है। यह नया कानून 1 अप्रैल 2025 से लागू माना जाएगा। इससे न सिर्फ स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगा, बल्कि अभिभावकों को भी निर्णय में भागीदारी का अधिकार मिलेगा।
???? प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि 31 जुलाई तक स्कूलों को प्रस्तावित फीस का निर्धारण करना होगा, जिसे 15 सितंबर तक स्कूल लेवल कमेटी के पास भेजना होगा। इसके बाद यह प्रस्ताव जिला और राज्य स्तरीय कमेटियों में जाएगा, जो अंतिम निर्णय लेंगी।
???? कमेटी के निर्णय के विरुद्ध फीस वसूली पर जुर्माना
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने जानकारी दी कि यदि कोई स्कूल कमेटी के निर्णय के विरुद्ध जाकर फीस वसूली करता है, तो उस पर 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। साथ ही अगर कोई स्कूल बच्चे को फीस नहीं देने पर क्लास से बाहर बैठाता है, तो उस पर प्रति बच्चे 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
???? बच्चों का भविष्य हमारी प्राथमिकता: भाजपा सरकार
शिक्षा मंत्री ने कहा, “1973 के कानून में फीस वृद्धि पर कोई ठोस नियंत्रण नहीं था। पिछली सरकारों ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया, लेकिन हमारी सरकार ने बच्चों के भविष्य को प्राथमिकता दी है। कोई भी स्कूल अब बच्चों और अभिभावकों का शोषण नहीं कर सकेगा।”
???????????? अभिभावकों को मिला निर्णायक अधिकार
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस नए एक्ट में अभिभावकों को स्कूल की फीस नीति में निर्णायक भूमिका दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जल्दी ही विधानसभा की विशेष बैठक बुलाकर इस बिल को कानून का रूप दे दिया जाएगा।
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