Noida news : नोएडा जेपी इंफ्राटेक के दफ्तर पर CBI का छापा, सबवेंशन स्कीम में घोटाले की जांच तेज
सीबीआई ने नोएडा में जेपी इंफ्राटेक के ऑफिस पर छापा मारा, सबवेंशन स्कीम में घोटाला की जांच तेज। हज़ारों घर ख़रीदारों को ठगने का सहारा है।

Noida news : नोएडा स्थित जेपी इंफ्राटेक के दफ्तर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शिकंजा कसा है। शुक्रवार को सीबीआई की एक टीम ने सेक्टर 127 स्थित जेपी के मुख्यालय पर अचानक छापा मारा, जिससे कंपनी के कार्यालय में हड़कंप मच गया। जांच एजेंसी की टीम दस्तावेजों और बैंक खातों की गहन पड़ताल में जुट गई है।
यह कार्रवाई दरअसल नोएडा के 9 बिल्डरों द्वारा हजारों घर खरीदारों को कथित रूप से सबवेंशन स्कीम के नाम पर ठगने के मामले से जुड़ी है, जिसमें जेपी ग्रुप भी शामिल है। गुरुवार को सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने सेक्टर 128 स्थित जेपी इंफ्राटेक के दफ्तर पर भी दस्तक दी थी और वहां भी फाइलों की छानबीन की थी।
शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने जेपी के मुख्यालय पहुंचकर कंपनी से जुड़े महत्वपूर्ण वित्तीय रिकॉर्ड खंगाले और सबवेंशन स्कीम के तहत हुए सभी लेन-देन की बारीकी से जांच शुरू कर दी है। इस स्कीम के तहत बिल्डरों ने घर खरीदारों को यह लुभावना वादा किया था कि उन्हें घर का कब्जा मिलने तक कोई ईएमआई नहीं देनी होगी। हालांकि, वास्तविकता यह रही कि कई प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हो सके, जिसके कारण हजारों खरीदार आज भी अपने घर का इंतजार कर रहे हैं और उनकी गाढ़ी कमाई फंसी हुई है।
17 हजार से अधिक खरीदारों पर असर:
जेपी इंफ्राटेक के सबवेंशन स्कीम घोटाले का सीधा असर 17 हजार से भी ज्यादा उन घर खरीदारों पर पड़ा है, जिन्होंने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी इन परियोजनाओं में लगा दी थी। आज भी उनके घर अधूरे पड़े हैं और वे पाई-पाई के लिए मोहताज हैं। जानकारी के अनुसार, सन फार्मा से जुड़ी सुरक्षा ग्रुप फिलहाल जेपी के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन काम की गति खरीदारों की उम्मीदों के मुकाबले काफी धीमी है। इस बीच, सीबीआई की इस ताजा कार्रवाई से पीड़ित खरीदारों को न्याय मिलने की एक नई उम्मीद जगी है।
विरोध प्रदर्शन पर रोक:
वहीं, दूसरी ओर, घर खरीदारों को अपने हक के लिए आवाज उठाने से भी रोका जा रहा है। प्रोजेक्ट्स के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन पर निषेध लगा दिया गया है, जिससे नाराज खरीदारों की आवाज दबती हुई महसूस हो रही है।
जेपी इंफ्राटेक के दफ्तर पर सीबीआई की इस छापेमारी ने नोएडा के अन्य बिल्डरों में भी खलबली मचा दी है, जो इसी तरह की योजनाओं के तहत जांच के दायरे में आ सकते हैं। अब सभी की निगाहें सीबीआई की इस जांच पर टिकी हैं कि यह कब तक पूरी होती है और पीड़ितों को कब न्याय मिल पाता है।