Varanasi news : पाकिस्तानी 'मैडम' का 'दुलरुआ' कैसे बना तुफैल? फेसबुक की दोस्ती ने किया हैरान

वाराणसी से पकड़े गए पाकिस्तानी जस्स तुफैल का बड़ा खुलासा। वो पाकिस्तान के एक सैनिक की पत्नी के संपर्क में था, जिसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई थी। उसने 600 पाकिस्तानी नंबरों पर बात की।

 Varanasi news : पाकिस्तानी 'मैडम' का 'दुलरुआ' कैसे बना तुफैल? फेसबुक की दोस्ती ने किया हैरान

 Varanasi news : पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार वाराणसी के मोहम्मद तुफैल को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रारंभिक पूछताछ और उसके मोबाइल की जांच में पता चला है कि वह पाकिस्तान की सेना में कार्यरत एक जवान की पत्नी के साथ गहरे संपर्क में था। इन दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के जरिए हुई थी।

सूत्रों के अनुसार, फेसबुक पर दोस्ती होने के बाद दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ता गया। धीरे-धीरे महिला, जिसकी पहचान नफीसा के तौर पर हुई है, ने तुफैल को अपना फोन नंबर दे दिया। जांच में यह भी सामने आया है कि तुफैल पिछले कुछ समय में लगभग 600 पाकिस्तानी फोन नंबरों पर बातचीत कर चुका था। वह इन नंबरों पर भारत में चल रही विभिन्न गतिविधियों, खासकर वाराणसी और आसपास के संवेदनशील स्थलों की जानकारी साझा करता था। इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है।

नफीसा को खुश करने के लिए देता था सूचनाएं:

यूपी एटीएस के गिरफ्त में आए तुफैल के बारे में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक वह पाकिस्तानी सैन्यकर्मी की पत्नी नफीसा को खुश करने के लिए लगातार सूचनाएं भेजता रहता था। फेसबुक के माध्यम से हुई इस दोस्ती के बाद तुफैल ने न केवल नफीसा के साथ कई संवेदनशील जानकारियां साझा कीं, बल्कि अन्य पाकिस्तानी संपर्कों को भी सूचनाएं देता रहा। अब एटीएस तुफैल के अन्य संभावित संपर्कों के बारे में गहराई से छानबीन कर रही है।

600 पाकिस्तानी नंबरों पर बातचीत:

जांच एजेंसियों का मानना है कि तुफैल कई ऐसे लोगों के संपर्क में था जो भारत से सूचनाएं निकालकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों तक पहुंचा रहे थे। वाराणसी के आदमपुर के नवापुरा निवासी मोहम्मद तुफैल की गिरफ्तारी के बाद परत दर परत कई राज खुल रहे हैं। यह भी पता चला है कि वह व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर पाकिस्तान के इशारे पर देशविरोधी संगठन बनाने की कोशिश कर रहा था। उसने वाराणसी के कई युवकों को इन ग्रुपों में जोड़ा और उन्हें भड़काऊ संदेश और वीडियो भेजकर कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेलने का प्रयास किया।

तुफैल के फोन की जांच में राजघाट, नमोघाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लालकिला और निजामुद्दीन औलिया जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों की तस्वीरें और अन्य संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी नंबरों पर भेजने का खुलासा हुआ है। वह लगातार इन 600 पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था।

2018 में बना कट्टरपंथी:

जांच में यह भी सामने आया है कि मोहम्मद तुफैल वर्ष 2018 में कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों के संपर्क में आया था। इसी साल उसने पंजाब के सरहिंद और कन्नौज में धार्मिक यात्राएं की और कई धार्मिक नेताओं से मुलाकात की। इन मुलाकातों के बाद उसका झुकाव कट्टरपंथ की ओर बढ़ता चला गया। 2018 में ही उसका संपर्क पाकिस्तान में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से हो गया और वह संगठन के कई सक्रिय सदस्यों से जुड़ गया। इसके बाद वह 2047 तक गजवा-ए-हिंद की स्थापना जैसे आंदोलनों में भी सक्रिय रूप से शामिल होने लगा।

800 लोगों को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा:

अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए तुफैल ने वाराणसी के स्थानीय लोगों को व्हाट्सएप से जोड़ने के लिए 19 अलग-अलग ग्रुप बनाए थे। इन ग्रुपों में उसने लगभग 800 लोगों को जोड़ा था। हालांकि, इन ग्रुपों में वाराणसी के अलावा मऊ, गाजीपुर, जौनपुर और भदोही के लोग भी शामिल थे। एटीएस ने इन सभी ग्रुपों में जुड़े नंबरों को अपनी निगरानी में ले लिया है और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, पाकिस्तान के जिन 600 नंबरों से तुफैल जुड़ा हुआ था, उनकी जानकारी अन्य खुफिया एजेंसियों को भी साझा कर दी गई है।

खुफिया एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इन पाकिस्तानी नंबरों का इस्तेमाल करने वालों की पाकिस्तान में किस प्रकार की गतिविधियां हैं और वे किन संगठनों से जुड़े हुए हैं। इस संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। माना जा रहा है कि जब एटीएस तुफैल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, तो इस जासूसी नेटवर्क और पाकिस्तानी संपर्कों से जुड़े कई और अहम खुलासे हो सकते हैं।